नई दिल्ली :वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर कुछ मुस्लिम समुदाय के द्वारा विरोध किया जा रहा है. यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर कराए जा रहे हैं इसलिए इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उक्त बातें विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (VHP Working President Alok Kumar) ने ईटीवी से विशेष बातचीत में कहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना जिस तरह हनुमान चालीसा का विरोध कर रही है उससे लगता नहीं की वह बाला साहब ठाकरे की पार्टी है.
उन्होंने कहा कि एक समुदाय के कुछ लोग ज्ञानवापी मंदिर में सर्वे को लेकर आरोप लगा रहे हैं और विरोध कर रहे हैं, मगर उनका भी यह विरोध जायज नहीं है क्योंकि यह किसी सरकार के कहने पर नहीं बल्कि यह हाईकोर्ट के आदेश के बाद के सर्वे कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसके विरोध में हाईकोर्ट गए भी थे लेकिन उनकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराए जाने का विरोध किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कैसा विरोध है, सर्वे कराए जा रहे हैं, फोटो लिए जा रहे है और वीडियो लिए जा रहे हैं तो उसमें परेशानी क्या है. क्या सत्य बाहर नहीं आना चाहिए, सत्य का विश्लेषण अगर होता है तो उसमें किसी को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक बात असदुद्दीन ओवैसी की है तो उनकी भाषा हमेशा से धमकियों वाली होती है मगर उन्हें यह समझना चाहिए कि आज के भारत में चाहे कितनी भी धमकियां दें या सांप्रदायिक बात कर लेंगे लेकिन सभी लोग कानून के शासन से चलना चाहते हैं.