भोपाल। मैहर के शारदा मंदिर से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाए जाने का आदेश जारी होने के बाद अब देश के बाकी हिंदू मंदिर कमेटियों से गैर हिंदुओं को हटाए जाने की मांग उठने लगी है. विश्व हिंदू परिषद ने तो सरकारों पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि सबसे पहले तो मंदिरों से सरकारों का अधिग्रहण खत्म किया जाना चाहिए. विश्व हिंदू परिषद इन मुद्दों को लेकर देशव्यापी कैम्पेन चलाने की तैयारी में है. परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि "मंदिर सरकारी दफ्तर नहीं है, हिंदू समाज की आस्था का केन्द्र हैं. अगर गैर हिंदुओं को कमेटी में रखना ही है, तो पहले वो हिंदू धर्म अपनाएं. वरना तो हिंदू आस्था के केन्द्र में विधर्मियों के प्रवेश पर भी पाबंदी होनी चाहिए."
क्या मस्जिदों की कमेटी में होते हैं हिंदू:वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सवाल उठाया है कि "क्या कभी किसी मस्जिद की कमेटी या इसाई समाज की ट्रस्ट में गैर मुस्लिम या गैर इसाई को भर्ती किया जा सकता है. अगर नहीं तो फिर मंदिर में ही ऐसा क्यों. जिस व्यक्ति की मंदिर में भगवान में आस्था ही नहीं, कमेटी तो छोड़िए उसे मंदिर में भी प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए. ये हिंदू मान्यताओं के अनुसार सही नहीं है. अगर मंदिर समिति में शामिल होना ही है तो बेहतर है कि वो व्यक्ति पहले कन्वर्ट हो, हिंदू धर्म में वापिसी करें, फिर उसे समिति का सदस्य बनाया जाए. देश भर में गैर हिंदूओं को मंदिर समितियों से बाहर किया जाना चाहिए."