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एमपी के मैहर मंदिर मामले में VHP का सवाल- मंदिर सरकारी दफ्तर नहीं बल्कि आस्था का केन्द्र, फिर कमेटी में गैर हिंदू क्यों?

एमपी के मैहर मंदिर मामले में अब विश्व हिंदू परिषद ने सवाल उठाए हैं. वीएसपी का कहना है कि मंदिर सरकारी दफ्तर नहीं बल्कि आस्था का केन्द्र हैं, फिर कमेटी में गैर हिंदू किसलिए रखे गए हैं.

vhp questioning in Maihar temple case
एमपी के मैहर मंदिर मामले में वीएचपी का सवाल

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Published : Apr 19, 2023, 2:24 PM IST

भोपाल। मैहर के शारदा मंदिर से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाए जाने का आदेश जारी होने के बाद अब देश के बाकी हिंदू मंदिर कमेटियों से गैर हिंदुओं को हटाए जाने की मांग उठने लगी है. विश्व हिंदू परिषद ने तो सरकारों पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि सबसे पहले तो मंदिरों से सरकारों का अधिग्रहण खत्म किया जाना चाहिए. विश्व हिंदू परिषद इन मुद्दों को लेकर देशव्यापी कैम्पेन चलाने की तैयारी में है. परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि "मंदिर सरकारी दफ्तर नहीं है, हिंदू समाज की आस्था का केन्द्र हैं. अगर गैर हिंदुओं को कमेटी में रखना ही है, तो पहले वो हिंदू धर्म अपनाएं. वरना तो हिंदू आस्था के केन्द्र में विधर्मियों के प्रवेश पर भी पाबंदी होनी चाहिए."

वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल

क्या मस्जिदों की कमेटी में होते हैं हिंदू:वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सवाल उठाया है कि "क्या कभी किसी मस्जिद की कमेटी या इसाई समाज की ट्रस्ट में गैर मुस्लिम या गैर इसाई को भर्ती किया जा सकता है. अगर नहीं तो फिर मंदिर में ही ऐसा क्यों. जिस व्यक्ति की मंदिर में भगवान में आस्था ही नहीं, कमेटी तो छोड़िए उसे मंदिर में भी प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए. ये हिंदू मान्यताओं के अनुसार सही नहीं है. अगर मंदिर समिति में शामिल होना ही है तो बेहतर है कि वो व्यक्ति पहले कन्वर्ट हो, हिंदू धर्म में वापिसी करें, फिर उसे समिति का सदस्य बनाया जाए. देश भर में गैर हिंदूओं को मंदिर समितियों से बाहर किया जाना चाहिए."

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मंदिर सरकारी दफ्तर नहीं है:विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने मंदिरों को सरकार के अधिग्रहण से मुक्त करने की मांग उठाई है. उनका कनहा है कि "सरकार का काम मंदिर चलाना नहीं है और मंदिर सरकारी दफ्तर नहीं है. आखिर सरकारों का मंदिरों में हस्तक्षेप क्यों हो, क्या सरकारें मुस्लिम और ईसाई धार्मिक स्थलों पर गैर मुस्लिम गैर इसाई की भर्ती कर सकती हैं, अगर नहीं तो फिर मंदिर में ऐसा क्यों. सरकार का पैरामीटर क्या है, धार्मिक स्थलों को सरकार के अधीन रखने में सिलेक्टिव क्यों है सरकारें, जो जीर्ण शीर्ण अवस्था में है. मंदिर वहां का प्रबंधन सरकारें क्यों नहीं संभालती, जहां मंदिर भव्य और प्रभावी है वहीं का प्रबंधन क्यों.

मैहर शारदा माता मंदिर

कानूनी लड़ाई के साथ जनता के बीच जाएगी वीएचपी:विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि "वीएचपी मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त कराने लड़ाई लड़ ही रही है, अब कमेटियों में गैर हिंदुओ को हटाने के लिए भी वीएचपी जनता के बीच जाकर अभियान छेड़ेगी."

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