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सीपीआईएम नेता और नौ बार के लोकसभा सदस्य बासुदेब आचार्य का 81 वर्ष की आयु में निधन - भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

सीपीआई (एम) नेता बासुदेब आचार्य का सोमवार को 81 साल की उम्र में हैदराबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया. उन्होंने बांकुरा जिले में जनजातीय शिक्षा में सक्रिय भूमिका निभाई थी. veteran cpi m leader basudeb acharia dies at 81.

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बासुदेब आचार्य का 81 वर्ष की आयु में निधन

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2023, 8:14 PM IST

कोलकाता:भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सीपीआई (एम) के कद्दावर नेता और पश्चिम बंगाल के बांकुरा निर्वाचन क्षेत्र से नौ बार लोकसभा प्रतिनिधि रहे बासुदेब आचार्य ने सोमवार को अंतिम सांस ली. 81 साल की उम्र में दिग्गज नेता ने लंबी बीमारी के बाद हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

11 जुलाई, 1942 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में जन्मे बासुदेब आचार्य की राजनीतिक यात्रा उनके छात्र जीवन के दौरान शुरू हुई जब उन्होंने वाम आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया. इन वर्षों में, वह पश्चिमी क्षेत्र में विभिन्न आदिवासी आंदोलनों और हस्ताक्षर अभियानों में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे. वामपंथी विचारधाराओं और श्रमिक आंदोलनों, विशेषकर रेलवे क्षेत्र में उनके योगदान ने उन्हें एक जबरदस्त ताकत वाले नेता के रूप में चिह्नित किया.

आचार्य की राजनीतिक विरासत 1980 में अपने चरम पर पहुंच गई जब वह पहली बार बांकुरा से संसद सदस्य के रूप में चुने गए. उनकी अटूट लोकप्रियता के कारण लोकसभा चुनावों में लगातार नौ बार प्रभावशाली जीत हासिल हुई, जिससे 2014 तक लोगों के प्रतिनिधि के रूप में उनकी स्थिति सुरक्षित हो गई. हालांकि, घटनाओं के एक अप्रत्याशित मोड़ में, उन्हें 2014 के चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार और मशहूर अभिनेत्री मुनमुन सेन से हार का सामना करना पड़ा.

अपने राजनीतिक प्रयासों के अलावा, आचार्य महत्वपूर्ण आदिवासी आबादी वाले जिले बांकुरा में आदिवासी शिक्षा में सक्रिय रूप से लगे रहे. हाशिये पर मौजूद समुदायों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके संसदीय कार्य और जमीनी स्तर पर सक्रियता दोनों में परिलक्षित हुई. आचार्य का प्रभाव राजनीतिक क्षेत्र से परे भी फैला क्योंकि उन्होंने विभिन्न ट्रेड यूनियन आंदोलनों, विशेषकर रेलवे के भीतर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद, आचार्य अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं पर दृढ़ रहे. पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए 2018 के चुनावों में पुरुलिया में सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं के जुलूस का नेतृत्व करते समय तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा उन पर कथित तौर पर हमला किया गया था. इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हुए. आचार्य की बेटी जो इस समय विदेश में है अंतिम संस्कार करने के लिए कल हैदराबाद पहुंचने की उम्मीद है.

उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा, 'दिग्गज वामपंथी नेता और पूर्व सांसद बासुदेब आचार्य के निधन पर दुख हुआ. वह एक जबरदस्त ट्रेड यूनियन नेता और पावरफुल सांसद थे. उनके जाने से सार्वजनिक जीवन में एक महत्वपूर्ण क्षति हुई. उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति संवेदना.'

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