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उपराष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों से सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा - वेंकैया नायडू वेलिंग्टन दौरा

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने वेलिंग्टन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (Defence Services Staff College Wellington) का दौरा किया. वह पिछले 52 साल में रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज जाने वाले पहले उपराष्ट्रपति हैं. इससे पहले 1970 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति गोपाल स्वरूप पाठक ने कॉलेज का दौरा किया था.

Venkaiah Naidu
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

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Published : May 17, 2022, 9:13 PM IST

उधगमंडलम (तमिलनाडु) :उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि भारत अत्यंत जटिल और अप्रत्याशित भू-राजनीतिक माहौल में कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है. उन्होंने सशस्त्र बलों से किसी भी चुनौती से निपटने और किसी भी सुरक्षा संबंधी खतरे को दृढ़ता से रोकने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा. पिछले 52 साल में वेलिंग्टन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (Defence Services Staff College Wellington) का दौरा करने वाले पहले उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि संघर्ष के नए और उभरते क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों को भारतीय सेना को 'भविष्य का बल' बनाना चाहिए.

नायडू से पहले 1970 में तत्कालीन उप राष्ट्रपति गोपाल स्वरूप पाठक ने कॉलेज का दौरा किया था. उपराष्ट्रपति ने कॉलेज के अधिकारियों और स्टाफ को संबोधित करते हुए कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत का नजरिया कभी विस्तारवादी नहीं रहा और उसका रुख हमेशा शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का रहा है. उन्होंने कहा, देश को भरोसा है कि शत्रुवत ताकतों द्वारा भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की किसी भी कोशिश से हमारे सुरक्षा बल मजबूती से निपटेंगे.

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज जंग केवल मैदान में नहीं लड़ी जाती, बल्कि कई मोर्चों पर लड़ी जाती है. उन्होंने कहा कि युद्ध की मिश्रित प्रकृति परंपरागत तरीके से विजेता और पराजित का फैसला करने में मुश्किल पैदा करती हैं. नायडू ने कहा कि साइबर युद्ध, ड्रोनों तथा रोबोटिक्स के बढ़ते प्रयोग एवं अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों ने युद्ध क्षेत्र में आमूल-चूल बदलाव लाया है. इसलिए, हमारे सशस्त्र बलों को संघर्ष के इन नये और उभरते क्षेत्रों में विकास क्षमताओं पर ध्यान देना चाहिए. भारतीय सेना को भविष्य का बल बनाने की हमारी सोच होनी चाहिए.

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