नई दिल्ली : राज्य सभा में सोमवार को सभापति एम वेंकैया नायडू ने कुछ सदस्यों के दिल्ली में रहते हुए भी सदन में नहीं आने और विभिन्न संसदीय समिति की बैठकों में भाग नहीं लेने पर हैरत जताई. इसके साथ ही उन्होंने सदस्यों को सदन में अपनी पार्टी के चिन्ह का प्रयोग नहीं करने की नसीहत दी.
बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन नायडू ने कहा कि उच्च सदन में सदस्य विभिन्न तरह की पगड़ी और अंगवस्त्रम पहन कर आते हैं. उन्होंने कहा कि किंतु सदस्यों को अपनी पार्टी के चिन्ह का सदन में प्रयोग नहीं करना चाहिए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी सदस्य विशेष को इंगित करते हुए यह बात नहीं कही है.
चर्चा को देखें और अपने ज्ञान में वृद्धि करें
उन्होंने कहा, 'कभी कभी मुझे यह जानकर आश्चर्य होता है कि कोई सदस्य दिल्ली में है किंतु वह सदन में नहीं आया. 'उन्होंने कहा कि वह यह बात किसी सदस्य या पार्टी विशेष के लिए नहीं कह रहे हैं.'
उन्होंने सभी सदस्यों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि वे सदन में उपस्थित हों. सदन की चर्चा को देखें और अपने ज्ञान में वृद्धि करें.
सभापति ने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद उच्च सदन में पिछले पांच सत्रों से काफी अधिक मात्रा में कामकाज हुआ है. उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट सत्र के पहले चरण में उच्च सदन में 100 प्रतिशत कामकाज हुआ और उम्मीद जताई कि दूसरे चरण में भी काम की यही गति रहेगी.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की अनुदान मांगों पर विचार करने के लिए संसद के दोनों सदनों की बैठकों का तीन सप्ताह तक अवकाश रहा.
समितियों के कामकाज का ब्योरा दिया
सभापति ने इस दौरान विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित समितियों के कामकाज का ब्योरा दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सभा की आठ समितियों ने वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की अनुदान मांगों पर विचार करने के लिए निर्धारित समय से 12 प्रतिशत अधिक समय लगाया. इन समितियों की इस साल कुल 12 बैठकें हुईं, जिनमें 70 से अधिक घंटे तक कामकाज हुआ.
सभापति ने बताया कि पिछले साल उच्च सदन के सदस्यों की इन बैठकों में उपस्थिति 52 प्रतिशत से अधिक थी, जो इस साल 58 प्रतिशत से कुछ अधिक रही. हालांकि, इन बैठकों में लोक सभा के सदस्यों की उपस्थिति कम हुई. निम्न सदन के सदस्यों की इस साल इनमें उपस्थिति 31 प्रतिशत से कुछ अधिक थी, जबकि पिछले वर्ष यह 46 प्रतिशत से कुछ अधिक थी.
सभापति ने कहा कि इस साल राज्य सभा के 39 ऐसे सदस्य थे, जिन्होंने इन समितियों की सभी बैठकों में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल इन समितियों की बैठक में लोक सभा के सदस्यों की उपस्थिति में कमी आई है.