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बिगड़ा बजट : डीजल की बढ़ती कीमत से बढ़े सब्जियों के भाव

पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. लोगों का कहना है कि सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह तेल के दाम में बढ़ोतरी है, क्योंकि ज्यादातर सब्जियां बाहर से आती हैं. यही वजह है कि डीजल के दाम बढ़ने से माल भाड़ा करीब 20 फीसद तक बढ़ गया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

बिगड़ा बजट:
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Published : Feb 17, 2021, 3:30 PM IST

गुरुग्राम : पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, जिसका असर आदमी की जेब पर असर पड़ा है, बल्कि मालभाड़ा भी बढ़ गया है. ऐसे में सब्जियों के दामों में भी बढ़ोतरी हो गई है. सब्जियों के दाम में सबसे तीन से चार गुना बढ़ोतरी हो चुकी है.

प्याज सबसे ज्यादा रुला रहा है!
खाने के जायके में चार चांद लगाने वाला प्याज अब इतना महंगा हो गया है कि जहां पहले प्याज काटते हुए आंखों से आंसू निकलते थे तो वहीं अब प्याज खरीदने मे लोगों की आंखों से आंसू निकलने लगे हैं. प्याज की कीमत बीते एक महीने में 50 फीसदी बढ़ गई है, जिसने रसोई का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. प्यास एक ऐसी चीज है जो हर सब्जी में डाली जाती है. जिसके बगैर सब्जी में तड़का लगाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन गुरुग्राम में यह प्याज अब 60 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

टमाटर के दाम में भी जबरदस्त उछाल
एक हफ्ते पहले गुरुग्राम में टमाटर जहां 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, अब 40 से 50 प्रति किलो नीचे पूछ ही नहीं है. जिससे हालात यह हो गए हैं कि निम्न मध्यम वर्ग का शख्स प्याज-टमाटर खरीदने की सोच ही नहीं सकता.

सभी सब्जियों के दामों में हुई बढ़ोतरी
भाड़ा बढ़ जाने से भाव सिर्फ टमाटर और प्याज के ही नहीं बढ़े हैं. लगभग-लगभग हर सब्जी के की कीमत में दो से तीन गुना दाम बढ़ चुके हैं. गोभी 20 से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. आलू का रेट जो 10 से 15 रुपये किलो था वो बढ़कर 30 रुपये तक पहुंच गया है. अरबी 80-90 रुपये, टिंडा 40 से 50 रुपये, लौकी 30 से 40 रुपये, बैंगन 25 से 40 रुपये, कटहल 40 से 50 रुपये प्रति 250 ग्राम, तोरई का दाम 40 से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.

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पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ने से बढ़ी महंगाई- सब्जी व्यापारी
व्यापारियों की मानें तो सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण तेल के दाम में बढ़ोतरी है, क्योंकि अधिकांश सब्जियां बाहर से आती हैं और डीजल के दाम बढ़ने से माल भाड़ा करीब 20 फीसद तक बढ़ गया है. इसका असर आमजन के रसोई बजट पर पड़ना तय है.

पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट भी परेशान
तेल कंपनियां 15 दिनों के बाद दोबारा से डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने लगी हैं. हालात यह है कि डीजल की कीमतें कुछ शहरों में 80 रुपये के करीब पहुंच चुकी हैं. कुछ शहरों में 81 के पार हैं. वहीं चेन्नई से गुरुग्राम आए ट्रांसपोर्टर की माने तो डीजल के दाम बढ़ने से उनको बेहद नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. हालात यह हैं कि उनकी गाड़ी की लोन की किस्त भी अब देनी मुश्किल हो गई है.

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ट्रक ड्राइवर बेहद परेशान
हरियाणा के गुरुग्राम में ट्रक ड्राइवरों की माने तो अब उनके पास काम भी बहुत कम बचा है. हालात यह हो गए हैं कि उन्हें अब ट्रक को बेचने की नौबत आ गई है, क्योंकि बीते कई दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं,जिससे माल भाड़ा में बढ़ोतरी हुई तो साथ ही व्यापार भी कम हो गया है. वहीं ट्रक चालकों का कहना है कि अगर पेट्रोल डीजल के दाम कम नहीं हुए तो उन्हें अपने ट्रक को लोहे के बाव बेचने पड़ेंगे.

बढ़ती महंगाई से त्रस्त आमजन ने सरकार से पेट्रोल डीजल के दाम को कम करने की गुहार लगाई है. लोगों का कहना है कि नहीं उसे रसोई बजट बिगड़ा है बल्कि आमजन की जेब पर भी भारी असर पड़ा है. वहीं ट्रांसपोर्टर्स का तो यह तक कहना है कि वो अब यह काम छोड़ कोई दूसरा काम करने को मजबूर हो गए हैं.

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