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Commander Inder Singh Funeral in Rohtak: 1971 पाक युद्ध के हीरो पूर्व कमांडर इंद्र सिंह का अंतिम संस्कार, सोमवार को हुआ था निधन, 4 अक्टूबर को मनाया था 100वां जन्मदिन - रोहतक न्यूज

Commander Inder Singh Funeral in Rohtak: रोहतक में पूर्व कमांडर इंद्र सिंह का मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. 4 अक्टूबर को ही उन्होंने अपना 100वां जन्मदिन मनाया था. कमांडर इंद्र सिंह ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में भी हिस्सा लिया था. पाकिस्तानी पनडुब्बी गाजी को नष्ट करने में उनकी अहम भूमिका था.

Commander Inder Singh Funeral in Rohtak
Commander Inder Singh Funeral in Rohtak

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 10, 2023, 5:58 PM IST

Updated : Oct 10, 2023, 6:18 PM IST

रोहतक:वीर चक्र विजेता और पूर्व कमांडर इंद्र सिंह का मंगलवार को रोहतक में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. भारतीय नौसेना और हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी. जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम राकेश सैनी और हरियाणा सरकार की ओर से पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने श्रद्धांजलि अर्पित की. 4 अक्टूबर को ही इंद्र सिंह का 100वां जन्मदिन हॉस्पिटल में मनाया गया था. बीमार होने के चलते 2 अक्टूबर को उन्हें शहर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

कमांडर इंद्र सिंह ने वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तानी पनडुब्बी गाजी को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई थी. गौरतलब है कि वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में भारत के आईएनएस राजपूत ने पाकिस्तान की नेवल सबमरीन गाजी को डुबो दिया था. आईएनएस राजपूत के कमांडर इंद्र सिंह थे. इस युद्ध में पाकिस्तान ने भारत के आईएनएस विक्रांत को डुबोने के लिए ही गाजी को भेजा था. अमेरिका ने अपनी डायब्लो पनडुब्बी को 1965 की भारत-पाक युद्ध से कुछ ही समय पहले पाकिस्तान को पट्टे पर दिया था.

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इंद्र सिंह को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.

पाकिस्तान ने इसका नाम गाजी रखा था लेकिन भारत के आईएनएन राजपूत ने गाजी पनडुब्बी को डुबो दिया था. उस समय भारत के पास एक भी पनडुब्बी नहीं थी। बाद में कमांडर इंद्र सिंह को वीर चक्कर से सम्मानित किया गया था. कमांडर इंद्र सिंह के दामाद और भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एडमिरल नसीब सिंह ने बताया कि कमांडर इंद्र सिंह वर्ष 1945 में नौसेना में शामिल हुए थे. उन्होंने सेलर के तौर पर काम किया था. बाद में उन्हें कमीशन हासिल हुआ. भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान कमांडर इंद्र सिंह आईएनएस राजपूत का नेतृत्व कर रहे थे.

सुसाइड मिशन कहकर कमांडर इंद्र सिंह को इस मिशन पर भेजा गया था, लेकिन उन्होंने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वे जरूर वापस लौटेंगे. कमांडर इंद्र सिंह आईएनएस राजपूत युद्धक पोत को लेकर विशाखापट्टनम डॉक से सेल आउट कर रहे थे. तभी सोनार सिस्टम के जरिए समुद्र में मूविंग सब्जेक्ट का पता चला, जो पाकिस्तान द्वारा विक्रांत को नष्ट करने के लिए भेजी गई गाजी पनडुब्बी थी. गाजी के नष्ट होने से भारतीय नौसेना का हौसला काफी बढ़ गया था.

4 अक्टूबर को इंद्र सिंह 100 साल के हुए थे.

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भारतीय नौसेना से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कमांडर सज्जन कुमार ने बताया कि गाजी पनडुब्बी के नष्ट होने के बाद पुष्टि के लिए नौसेना ने उन्हें ही भेजा था. जिसके बाद उन्होंने समुद्र के अंदर इस बात की पुष्टि की थी कि गाजी पनडुब्बी को ही नष्ट किया गया है. हरियाणा के पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष कर्नल आरएस मलिक ने कहा कि कमांडर इंद्र सिंह नौसेना के बहादुर अधिकारियों में से एक थे, जिनमें गजब की नेतृत्व क्षमता थी.

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Last Updated : Oct 10, 2023, 6:18 PM IST

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