लखनऊ : पीलीभीत से भाजपा सांसद और वरिष्ठ नेता मेनका गांधी के पुत्र वरुण गांधी के तेवर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक है. बावजूद वह लगातार पार्टी के फैसलों और नाजुक मौकों पर विरोधी बयान देकर लाइमलाइट में आने की कोशिश कर रहे हैं. अंदर खाने की चर्चा है कि वरुण गांधी भाजपा में अपनी उपेक्षा से नाराज हैं और वह निकट भविष्य में कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं.
गन्ना मूल्य का समर्थन दर बढ़ाए जाने के बाद भी वरुण गांधी ने पार्टी विरोधी बयान दिया था और अब लखीमपुर कांड में भी वह विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए नजर आ रहे हैं. योगी सरकार ने जब गन्ने का समर्थन मूल्य 25 रुपये बढ़ाकर 350 रुपये किया तो वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा था कि समर्थन मूल्य 400 रुपये होना चाहिए. गौरतलब है कि समर्थन मूल्य को 400 रुपये करने की मांग विपक्ष भी कर रहा है. इसी तरह से लखीमपुर में हुई हिंसा को लेकर भी वरुण गांधी ने सीधे भाजपा के केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके पुत्र को जिम्मेदार ठहराते हुए विपक्ष के सुर में सुर मिलाया था.