इंदौर।मोदी के मिशन 2024 के पहले ही उनकी ही समर्थक पार्टियों के कई सांसद अब निजीकरण और बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ हैं, यही वजह है कि कई अवसरों पर ऐसे मामलों में सांसद मोदी सरकार की नीतियों का ही विरोध करते नजर आते हैं. इंदौर में अभ्यास मंडल के एक ऐसे ही कार्यक्रम में पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी बेरोजगारी और निजीकरण के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ मुखर नजर आए, उन्होंने कहा कि "देश में आज सरकारी नौकरियों के 1 करोड़ पद खाली पड़े हैं, जो पद भरे जा रहे हैं वह संविदा से भरे जा रहे हैं. युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण नहीं मिल रहा है, क्योंकि पब्लिक सेक्टर के बैंक कुल बैंक लोन का 1 फीसदी भी जरूरतमंदों को नहीं दे रहे हैं, जबकि सारा लोन देश के अरबपति उद्योगपतियों को दे दिया जाता है."
वरुण गांधी ने मोदी सरकार को घेरा:देश की आर्थिक नीतियों पर लगातार बयान देने वाले वरुण गांधी ने इंदौर में मोदी सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि "वर्तमान में पब्लिक सेक्टर के बैंक 71 फीसदी लोन ऐसे उद्योगपतियों को देते हैं, जिनकी हजार करोड़ से ज्यादा सालाना इनकम है. 20 परसेंट लोन उन उद्योगों को जाता है, जो 100 करोड़ से लेकर 1000 करोड़ के बीच में सालाना लेनदेन करते हैं. इसका मतलब 91 परसेंट लोन इस देश के प्राइवेट सेक्टर बैंक का जा रहा है, पिछले 10 वर्षों में यदि डेढ़ सौ करोड़ हिंदुस्तानियों का संपूर्ण बैक लोन की तुलना उद्योगपतियों के लोन से की जाए तो यह एक चीज भी नहीं है, क्योंकि देश के 20 सबसे बड़े उद्योगपति उनके बैंक लोन 5 लाख 60 हजार करोड़ है. यह सोचने की बात है कि गरीब देश को नहीं खा रहा है, जो खा रहा है वह कौन है. यह बात मैंने आपके सामने रख दी है."