वाराणसी : भारत की अध्यक्षता में जी20 संधारणीय वित्त कार्य समूह (एसएफडब्ल्यूजी) की चौथी और अंतिम बैठक गुरुवार को हुई. इस दो दिवसीय बैठक में जी20 के सदस्य देशों के 80 से अधिक प्रतिनिधियों सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी हिस्सा लिया. कई अन्य संगठन वर्चुअल रूप से भी शामिल हुए. इस बैठक का उद्देश्य वैश्विक विकास और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए वित्त जुटाना और अधिक हरित और अर्थव्यवस्थाओं के परिवर्तन को बढ़ावा देना, निजी और सार्वजनिक संधारणीय वित्त को बढ़ाने में मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्य को आगे बढ़ाना, पेरिस समझौते और संधारणीय विकास के लिए 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाना रहा.
प्रगति को पिछड़ने न देना सामूहिक जिम्मेदारी :'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के सिद्धांत से निर्देशित और 'वसुधैव कुटुम्बकम' से प्रेरित, एसएफडब्ल्यूजी ने भारत की जी 20 अध्यक्षता के दौरान वैश्विक कल्याण को आगे बढ़ाने और एक बेहतर विश्व बनाने के लिए काम किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम संधारणीय विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में प्रगति को पिछड़ने न दें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पीछे न छूट जाए. इस दिशा में, एसएफडब्ल्यूजी ने 2023 में एजेंडा प्राथमिकताओं के रूप में जलवायु वित्त के लिए समय पर और पर्याप्त संसाधन जुटाने के साथ-साथ एसडीजी के लिए वित्त जुटाने के लिए काम किया.
इन बिंदुओं पर की गई सिफारिश : भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान एसएफडब्ल्यूजी ने निम्नलिखित छह क्षेत्रों पर सिफारिशें की हैं. इनमें जलवायु वित्त पोषण के लिए समय पर और पर्याप्त संसाधन जुटाने के लिए तंत्र, हरित और निम्न कार्बन प्रौद्योगिकियों के तीव्र विकास और नियोजन को उत्प्रेरित करने के लिए नीतिगत उपाय और वित्तीय लिखत, सामाजिक प्रभाव वाले निवेश लिखतों को अपनाने में तेजी लाना, प्रकृति से संबंधित डेटा और रिपोर्टिंग में सुधार, जी-20 तकनीकी सहायता कार्य योजना, जलवायु निवेश के लिए डेटा से संबंधित बाधाओं पर काबू पाना. इसके अलावा, सदस्यों ने निवेश का समर्थन करने के लिए एसडीजी के वित्तपोषण पर अध्ययन के संग्रह और गैर-मूल्य नॉन प्राइस पॉलिसी पर संग्रह को अंतिम रूप दिया गया. हाल ही में आयोजित नेताओं के शिखर सम्मेलन में जी 20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा 2023 में भारत की जी 20 अध्यक्षता के तहत एसएफडब्ल्यूजी द्वारा किए गए कार्यों का स्वागत किया है.