यूपी हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में नंबर वन बना बनारस, जानिए किन वजहों से मिला टॉप प्लेस - मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी
उत्तर प्रदेश की हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी ने 80 फीसदी स्कोर हासिल कर यूपी में पहला स्थान हासिल किया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने जानकारी साझा करते हुए जिले की समस्त नगरीय व ग्रामीण स्तरीय पीएचसी-सीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी है.
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Published : Jun 27, 2023, 8:00 AM IST
वाराणसी : उत्तर प्रदेश की हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में एक बार फिर से वाराणसी ने 80 फीसदी स्कोर हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है. पिछले माह भी जनपद ने हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में पहला स्थान प्राप्त किया था. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि हाल ही में प्रदेश की हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में सभी जनपदों की रैंकिंग प्रदर्शित की गई है. इसमें वाराणसी ने गर्भावस्था में एचआईवी की जांच, गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल, परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों (अंतरा, छाया, कॉपर-टी, पीपीआईयूसीडी व आईयूसीडी), सीएचसी पर प्रसव के सापेक्ष सिजेरियन प्रसव समेत 16 संकेतकों पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए मई माह में पहला स्थान प्राप्त किया है.
यूपी हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी ने इस उपलब्धि पर जिले की समस्त नगरीय व ग्रामीण स्तरीय पीएचसी-सीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी है और सेवाओं की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया है. सीएमओ ने कहा कि पिछले माह वाराणसी ने हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में पहला स्थान प्राप्त किया है. इससे पहले वह दूसरे और तीसरे स्थान पर रहा है. जनपद के सभी राजकीय चिकित्सालयों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व उपकेन्द्रों पर मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं.
नंबर वन बनाने में यह रही वजह
सीएमओ डाॅ. संदीप चौधरी ने बताया कि 22 अप्रैल से 21 मई 2023 के बीच लक्ष्य के सापेक्ष 100 फीसदी गर्भावस्था में एचआईवी की जांच हुई.
गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल में 100 फीसदी उपलब्धि हासिल हुई है. इन संकेतकों में जनपद ने पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है.
इसके अलावा परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों व सीएचसी में प्रसव के सापेक्ष सिजेरियन प्रसव, प्रसव पूर्व जांच, बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण, आशा कार्यकर्ताओं की उपलब्धता आदि सेवाओं में जनपद ने अच्छा प्रदर्शन किया है.
इसके अलावा जनपद मुख्यालय (नगर क्षेत्र) और ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों की बात करें तो जनपद स्तर पर अराजीलाइन ने सभी संकेतकों में पहला (83%), हरहुआ ने दूसरा (82%), काशी विद्यापीठ ने तीसरा (81%) स्थान प्राप्त किया है.
अराजी लाइन ब्लॉक सीएचसी पिछले कई माह से डैशबोर्ड में पहले स्थान पर बना हुआ है, सेवापुरी चौथे, चिरईगांव पाचवें, पिंडरा छठवें, बड़ागांव सातवें, चोलापुर आठवें और जनपद मुख्यालय नौवें स्थान पर है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि रैंकिंग में सुधार के लिए आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम की अहम भूमिका है. आशा कार्यकर्ता समुदाय से लाभार्थियों को प्रेरित कर चिकित्सा इकाइयों तक लाती हैं. वाराणसी की यह रैकिंग अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं का सम्मान है. उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य और पोषण संबंधित गतिविधियों की गुणवत्ता बरकरार रखी जाए. समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक चिकित्सीय व स्वास्थ्य का लाभ पहुंचाने के लिए विभाग निरंतर प्रयास कर रही है. यही सरकार व विभाग का लक्ष्य है.