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वाराणसी सामूहिक आत्महत्या मामला : मल्ली ने परिवार को दी थी धमकी, पुलिस के पास जाओगे तो पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की तरह जेल भिजवा दूंगा - वाराणसी आंध्र प्रदेश परिवार सुसाइड

वाराणसी की धर्मशाला में सामूहिक आत्महत्या (Suicide of four people of Andhra Pradesh) करने वाले आंध्र प्रदेश के चार लोगों के पास से मिले सुसाइड नोट से नए खुलासे हो रहे हैं. इसमें परिवार ने अपनी व्यथा बताई है. साथ ही यह भी कि कैसे उनको कर्ज के जाल में फंसाया गया.

वाराणसी सामूहिक आत्महत्या मामला
वाराणसी सामूहिक आत्महत्या मामला

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 10, 2023, 3:58 PM IST

वाराणसी :6 दिसंबर बुधवार को वाराणसी की धर्मशाला में सूदखोरों से परेशान होकर आंध्र प्रदेश के परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में पुलिस ने आंध्र प्रदेश के ही तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. धर्मशाला के कमरे में मिले सुसाइड नोट को पुलिस ने जब ट्रांसलेट किया तो कई नई बातें सामने आईं हैं. ढाई पेज के तेलगू में लिखे सुसाइड नोट में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू का भी जिक्र किया गया है.

आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के रहने वाले कोंडा बाबू (50), पत्नी लावण्या (45), बेटे राजेश (25) और जयराज (22) ने बीते बुधवार को आत्महत्या कर ली थी. शवों का अंतिम संस्कार शनिवार की देर रात वाराणसी में कर दिया गया. जिस धर्मशाला में सभी रुके थे, उसी धर्मशाला के ट्रस्ट की तरफ से परिवार का अंतिम संस्कार कराया गया.

मल्ली बाबू पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बात लिखी

राजेश ने सुसाइड नोट में मल्ली बाबू पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बात लिखी गई है. लिखा है कि पेंटगल प्रसाद से 6 लाख रुपये का कर्ज लिया था. उसे मल्ली बाबू ने ही अपनी जिम्मेदारी पर दिलवाया था. अब ब्याज के नाम पर 20 लाख रुपये की मांग कर रहा था. कर्ज के पैसे नहीं चुकाने पर मल्ली बाबू ने संपत्ति पर कब्जा करने और वसूली करने की धमकी भी दी थी. मल्ली बाबू वहीं दुकान चलाता है. उसने परिवार को धमकी देते हुए यह भी कहा था कि पुलिस के पास जाओगे तो पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तरह जेल भिजवा दूंगा. पूरा परिवार जेल में ही सड़ेगा. मल्ली बाबू खुद को वाईएसआर के एक मंत्री का करीबी बताता था और अपने रुतबे की धौंस देकर परिवार को बार-बार धमकी देकर परेशान कर रहा था.

राजेश ने लिखा- पांच लाख रुपये मिलने की बात से मुकर गया पेंटगदल प्रसाद

राजेश ने सुसाइड नोट में लिखा है- मेरे पिता कोंडाबाबू, मां लावण्या और छोटा भाई जयराज है. मैं जिला पूर्वी गोदावरी, आंध्र प्रदेश का रहने वाला हूं. मैं मंडापेटा के 'दुर्गा डिववेट ऑटो कंसल्टेंसी' दुकान में काम करता हूं. दुकान मालिक पेंटगदल प्रसाद (संघ अध्यक्ष ) से 6 लाख रुपये अपनी निजी जरुरतों के लिए लिए थे. दुकान में ही काम करने वाले रामारेड्डी वीरालक्ष्मी और राजनीतिक प्रभावशाली मल्ली बाबू ने मिलकर मेरे साथ साजिश रची. मुझसे और पिता से 10 सफेद कागज और 20 बांड पर दस्तखत करा लिए. हमने ज्वैलरी और घर का सामान बेचकर पांच लाख रुपये चुका दिए. एक लाख बाद में देने की कही. जब चेक और कागज मांगा तो पेंटगदल प्रसाद मुकर गया. हमने कागज के बारे में पूछा तो उसने कहा कि कौन से कागज? मुझे कब पांच लाख रुपये दिए, उसने मुझे झूठा साबित कर दिया.

धमकी दी- चंद्रबाबू नायडू जेल में हैं, वहीं तुमको भी भेज देंगे

राजेश ने लिखा है कि मल्लीबाबू ने भी हमारी नहीं मानी. उसका कहना था पेंटगदल प्रसाद ने कागज पर 20 लाख रुपये बकाया में लिख रखे हैं, जो अगले 10 दिन में हर हाल में देने पड़ेंगे. धमकी भी दी है कि हमारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस है. किसी पुलिस स्टेशन में जाओगे तो कोई सुनवाई नहीं होगी. हम जिस थानेदार को 10 हजार देंगे वह तुमको भी ठीक कर देगा. तुम भले ही विधायक के पास जाओ, तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू जेल में हैं. वहीं तुमको भी भेज देंगे.

किसी के साथ ऐसा अन्याय नहीं हो, जैसा हम लोगों के साथ हुआ

सुसाइड नोट में राजेश ने लिखा है- धमकियों के चलते हमने शहर छोड़ दिया. दुकान मालिक पेंटगदल प्रसाद, रामिरेड्डी वीरालक्ष्मी और राजनेता मल्ली बाबूगारू ने मिलकर मुझे मौत का डर दिखाया. धमकाया कि जहां भी जाओगे, वहां पकड़कर मार डालेंगे. हमारे पास बहुत कम पैसे थे. उससे हम दो महीने से कोलकत्ता, तमिलनाडु, हरिद्वार और वाराणसी में रहे. वाराणसी में भी दो दिन में एक बार अपना पेट भर रहे हैं. आज हमारे पास पैसे खत्म हो गए. क्योंकि अब यहां से न तो कहीं जाना है और न ही खाने के लिए कुछ है. हमारी मौत करीब है और एक राय है कि मरते समय कोई झूठ नहीं बोलेगा. इसलिए हम सच कह रहे हैं कि हम 4 लोगों की मौत का कारण वे तीन हैं- पेंटगदल प्रसाद, रामिरेड्डी वीरा लक्ष्मी और नेता मल्ली बाबू. किसी के साथ ऐसा अन्याय नहीं होना चाहिए, जैसा हम लोगों के साथ किया गया. हमें उम्मीद है कि हमारे साथ न्याय होगा. इनमें से किसी को भी बख्शा न जाए.

कोंडा बाबू ने बेटी के हाथों अंतिम संस्कार की जताई थी इच्छा

सुसाइड नोट में राजेश ने अनुरोध करते हुए लिखा है - हमारी मौत के बाद अंतिम संस्कार काशी में ही किया जाए. सूदखोरों ने मां-बाप से सादे कागज पर दस्तखत कराए थे. सुसाइड नोट में कोंडा बाबू ने अपनी बेटी से अपना अंतिम संस्कार अंत्येष्टि कराने की इच्छा जताई थी. मगर, यह भी पूरी नहीं हो सकी. कारण यह कि बेटी ने कहा कि वह काशी नहीं आ सकती. 9 महीने की गर्भवती है. साथ ही उसके पति का एक्सीडेंट हो गया है.

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