वाराणसी :6 दिसंबर बुधवार को वाराणसी की धर्मशाला में सूदखोरों से परेशान होकर आंध्र प्रदेश के परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में पुलिस ने आंध्र प्रदेश के ही तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. धर्मशाला के कमरे में मिले सुसाइड नोट को पुलिस ने जब ट्रांसलेट किया तो कई नई बातें सामने आईं हैं. ढाई पेज के तेलगू में लिखे सुसाइड नोट में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू का भी जिक्र किया गया है.
आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के रहने वाले कोंडा बाबू (50), पत्नी लावण्या (45), बेटे राजेश (25) और जयराज (22) ने बीते बुधवार को आत्महत्या कर ली थी. शवों का अंतिम संस्कार शनिवार की देर रात वाराणसी में कर दिया गया. जिस धर्मशाला में सभी रुके थे, उसी धर्मशाला के ट्रस्ट की तरफ से परिवार का अंतिम संस्कार कराया गया.
मल्ली बाबू पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बात लिखी
राजेश ने सुसाइड नोट में मल्ली बाबू पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बात लिखी गई है. लिखा है कि पेंटगल प्रसाद से 6 लाख रुपये का कर्ज लिया था. उसे मल्ली बाबू ने ही अपनी जिम्मेदारी पर दिलवाया था. अब ब्याज के नाम पर 20 लाख रुपये की मांग कर रहा था. कर्ज के पैसे नहीं चुकाने पर मल्ली बाबू ने संपत्ति पर कब्जा करने और वसूली करने की धमकी भी दी थी. मल्ली बाबू वहीं दुकान चलाता है. उसने परिवार को धमकी देते हुए यह भी कहा था कि पुलिस के पास जाओगे तो पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तरह जेल भिजवा दूंगा. पूरा परिवार जेल में ही सड़ेगा. मल्ली बाबू खुद को वाईएसआर के एक मंत्री का करीबी बताता था और अपने रुतबे की धौंस देकर परिवार को बार-बार धमकी देकर परेशान कर रहा था.
राजेश ने लिखा- पांच लाख रुपये मिलने की बात से मुकर गया पेंटगदल प्रसाद
राजेश ने सुसाइड नोट में लिखा है- मेरे पिता कोंडाबाबू, मां लावण्या और छोटा भाई जयराज है. मैं जिला पूर्वी गोदावरी, आंध्र प्रदेश का रहने वाला हूं. मैं मंडापेटा के 'दुर्गा डिववेट ऑटो कंसल्टेंसी' दुकान में काम करता हूं. दुकान मालिक पेंटगदल प्रसाद (संघ अध्यक्ष ) से 6 लाख रुपये अपनी निजी जरुरतों के लिए लिए थे. दुकान में ही काम करने वाले रामारेड्डी वीरालक्ष्मी और राजनीतिक प्रभावशाली मल्ली बाबू ने मिलकर मेरे साथ साजिश रची. मुझसे और पिता से 10 सफेद कागज और 20 बांड पर दस्तखत करा लिए. हमने ज्वैलरी और घर का सामान बेचकर पांच लाख रुपये चुका दिए. एक लाख बाद में देने की कही. जब चेक और कागज मांगा तो पेंटगदल प्रसाद मुकर गया. हमने कागज के बारे में पूछा तो उसने कहा कि कौन से कागज? मुझे कब पांच लाख रुपये दिए, उसने मुझे झूठा साबित कर दिया.
धमकी दी- चंद्रबाबू नायडू जेल में हैं, वहीं तुमको भी भेज देंगे