वाराणसी :ज्ञानवापी परिसर का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से पूरा कर लिया गया है. इसकी रिपोर्ट सौंपी जानी थी, लेकिन इसमें कुछ अपडेट शामिल नहीं हो पाए थे. इसके लिए एएसआई ने कोर्ट से 15 दिनों का अतिरिक्त समय मांगा था. इस पर शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई थी. आज जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विश्वेश की तरफ से 15 दिन की जगह 10 दिन का वक्त मौखिक रूप से दिया गया. लिखित आदेश का इंतजार है. दोनों पक्षों को सुने जाने के दौरान प्रतिवादी यानी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से बार-बार समय दिए जाने का विरोध किया गया. इसे गलत बताते हुए कंटेंट आफ कोर्ट का मामला बताया गया. हालांकि कोर्ट ने इसे नजरअंदाज कर दिया. कोर्ट ने 28 नवंबर तक रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कहा है.
एएसआई की तरफ से वकील ने दिया था प्रार्थना पत्र :यह चौथा मौका है जब एएसआई की टीम सर्वे के संदर्भित कार्यों को पूर्ण करने के लिए कोर्ट से समय मांग रही है. इसके पहले तीन बार टीम ने सर्वे आगे बढ़ाए जाने के लिए मोहलत मांगी थी. इसके बाद रिपोर्ट सबमिट करने के लिए भी अतिरिक्त वक्त मांगा था. कल आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम की तरफ से उनके वकील ने प्रार्थना पत्र देकर जिला न्यायालय से अतिरिक्त समय मांगा था. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से स्टैंडिंग गवर्नमेंट काउंसिल से वकील अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर 15 दिन का समय रिपोर्ट सबमिट करने के लिए मांगा था.
समय देने पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति :वादी पक्ष की अधिवक्ता सुधीर कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट ने इस पर सुनवाई जैसे ही शुरू की तो आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के वकील ने अपना पक्ष रखा. हिंदू पक्ष की तरफ से तो कोई विरोध नहीं किया गया लेकिन प्रतिवादी यानी मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि बार-बार कोर्ट के आदेश के बाद भी रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई. बार-बार अतिरिक्त समय मांगा जा रहा है जो उचित नहीं है. ऐसे में इन्हें समय नहीं दिया जाना चाहिए हालांकि कोर्ट ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया और मौखिक रूप से एएसआई को 10 दिन के अंदर हर हाल में रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश दिया.
सौ दिनों के सर्वे में मिले तीन सौ से ज्यादा साक्ष्य :लगभग 100 दिनों तक चल सर्वे के बाद 300 से ज्यादा साक्ष्य इकट्ठा करके इसे जिला अधिकारी वाराणसी की निगरानी में सील बंद कमरे में रखवाया गया है. कोर्ट ने 17 नवंबर को रिपोर्ट सबमिट करने का आदेश टीम को दिया था. टीम इस पर काम भी कर रही थी. सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में कुछ तकनीकी जानकारी के साथ अन्य चीजों को शामिल किए जाने के बाद इसमें कुछ अपडेट किए जाने हैं. इसे लेकर रिपोर्ट को अभी तैयार नहीं माना जा रहा है. सबसे महत्वपूर्ण बिंदु सर्वे के दौरान लगभग एक महीने तक चले रडार सिस्टम की जांच रिपोर्ट का तैयार न होना इसकी वजह मानी जा रही है. यही वजह है कि एएसआई की टीम रिपोर्ट सबमिट करने के लिए अतिरिक्त वक्त चाह रही है.