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विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद, 10 हजार से ज्यादा सैलानियों ने किया दीदार - उत्तराखंड न्यूज

उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी हर साल की तरह इस साल भी 31 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया. इस साल दस हजार से अधिक पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया है. पढ़ें पूरी खबर...

फूलों की घाटी
फूलों की घाटी

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Published : Oct 31, 2021, 7:50 PM IST

चमोली : उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई है. 31 अक्टूबर शाम 5 बजे फूलों की घाटी को बंद कर दिया गया है. इस साल दस हजार से अधिक पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया है. दरअसल, हर साल 31 अक्टूबर को फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाती है. ऐसे में आज शाम पर्यटकों के लिए घांघरिया पड़ाव पर गेट को बंद कर दिया गया.

बता दें, कोरोना के चलते इस बार यात्रा एक महीने देर से शुरू हुई थी. लेकिन यात्रा को लेकर पर्यटकों में काफी उत्साह देखने को मिला. वहीं, पर्यटकों की आवाजाही के चलते पर्यटन कारोबारियों को अच्छा खासा मुनाफा हुआ है. बताया जा रहा है कि इस साल 10 हजार से ज्यादा पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया.

ये फूल हैं घाटी की शान
नवम्बर से मई माह के मध्य घाटी अधिकतर हिमाच्छादित रहती है. जुलाई एवं अगस्त माह के दौरान एल्पाइन जड़ी की छाल की पंखुडियों में रंग छिपे रहते हैं. यहां सामान्यतः पाये जाने वाले फूलों के पौधों में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, जिउम, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान इत्यादि प्रमुख हैं.

ऐसे पहुंचे फूलों की घाटी
फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए चमोली जिले का अन्तिम बस अड्डा गोविन्दघाट है. जोशीमठ से गोविन्दघाट की दूरी 19 किमी है. यहां से प्रवेश स्थल की दूरी लगभग 13 किमी है.

फूलों की घाटी के बारे में जानें
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक फूलों की घाटी का नाम है, जिसे अंग्रेजी में Valley of Flowers कहते हैं. यह उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में चमोली जिले में है. फूलों की घाटी विश्व संगठन यूनेस्को द्वारा सन 1982 में घोषित विश्व धरोहर स्थल नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान का एक भाग है.

फूलों की घाटी घूमने का बढ़िया समय
फूलों की घाटी भ्रमण के लिये जुलाई, अगस्त एवं सितंबर के महीनों को सर्वोत्तम माना जाता है. सितंबर में यहां ब्रह्मकमल खिलते हैं.

यूनेस्को ने घोषित किया राष्ट्रीय उद्यानछ
बता दें, फूलों की यह घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है. इसे यूनेस्को ने 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया है. बर्फीले पर्वतों से घिरी हुई यह घाटी बेहद खूबसूरत है. यहां आपको फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी.

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