चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज पर्यटकों को खोल दी गई है. पार्क प्रशासन ने 4 किमी पैदल मार्ग की मरम्मत के साथ रास्ते पर 2 पैदल पुल का निर्माणकार्य भी पूरा कर दिया है. इस साल फूलों की घाटी में 12 से अधिक प्रजाति के फूल समय से पहले खिल गए हैं. फूलों की घाटी को 2004 में यूनेस्को ने विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया था.
87.5 किमी में फैली घाटी जैव विविधता का खजाना है. यहां पर दुर्लभतम प्रजाति के फूल, पशु पक्षी, जड़ी बूटी और वनस्पतियां पाई जाती हैं. यह दुनिया की इकलौती जगह है जहाँ पर प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं. हर साल हजारों देशी विदेशी पर्यटक घाटी का दीदार करने आते हैं. फूलों की घाटी की यात्रा को लेकर वन विभाग ने कमर कस ली है. आज 1 जून को घांघरिया स्थित फूलों की घाटी गेट से पर्यटक फूलों की घाटी में प्रवेश करेंगे.
विश्व धरोहर स्थल में शामिल: चमोली स्थित फूलों की घाटी को देखकर ऐसा लगता है, जैसे किसी ने खूबसूरत पेंटिंग बनाकर यहां रख दी हो. चारों तरफ ऊंचे-ऊंचे पर्वत और उन पर्वतों के ठीक नीचे यह फूलों की घाटी प्रकृति का मनोरम दृश्य है. यहां घूमने के लिए विदेशियों और भारतीय पर्यटकों से अलग-अलग शुल्क लगता है.
घांघरिया से करीब एक किलोमीटर के दायरे में वन विभाग की चौकी मिलती है, यहीं से फूलों की घाटी शुरू होती है. यहीं पर शुल्क जमा होता है. यहां जाएं, तो कोई परिचय पत्र अवश्य साथ रखें. घांघरिया तक खच्चर भी मिलते हैं. गोविंद घाट पर सस्ते प्लास्टिक रेनकोट भी उपलब्ध हो जाते हैं. यहां गाइड भी उपलब्ध हैं. उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित फूलों की घाटी करीब 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है. 1982 में यूनेस्को ने इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया था. यहां 500 से अधिक दुर्लभ फूलों की प्रजातियां मौजूद हैं.