नई दिल्ली :कोविड की खुराक से प्रतिरक्षित रोगियों के बीच संक्रमण की रिपोर्ट में ICMR ने कोविड-19 पॉजिटिव मामलों के नैदानिक लक्षण और जीनोमिक विश्लेषण पर प्रकाश डाला है. अध्ययन से संकेत मिलता है कि अधिकांश मामले डेल्टा संस्करण से जुड़े थे.
आईसीएमआर के निष्कर्षों में कहा गया है कि 9.8 प्रतिशत मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता थी, जबकि केवल 0.4 प्रतिशत मामलों में मृत्यु देखी गई. जो यह दर्शाता है कि टीकाकरण की खुराक अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर में कमी लाती है. अध्ययन में केरल और दिल्ली जैसे देश के कुछ हिस्सों में संक्रमण की सूचना दी थी.
आईसीएमआर ने कहा कि ऐसी रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए अप्रैल-मई, 2021 में देश भर में क्लिनिक-जनसांख्यिकीय प्रोफाइल और पैटर्न, SARS-CoV-2 उपभेदों को समझने के लिए राष्ट्रव्यापी अध्ययन किया गया. जो टीकाकरण के बाद की सफलता के लिए जिम्मेदार थे. यह भारत से टीकाकरण के बाद के संक्रमणों का सबसे बड़ा और पहला राष्ट्रव्यापी अध्ययन है.
अध्ययन में ICMR ने सफल संक्रमणों को ट्रैक करने के लिए वायरल अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं (VRDLs) के नेटवर्क का उपयोग किया. इस प्रक्रिया के दौरान वीआरडीएल ने 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नैदानिक और जनसांख्यिकीय के साथ-साथ कोविड रोगियों के स्वाब एकत्र किए. इन उपभेदों से SARS-CoV-2 जीनोम में न्यूक्लियोटाइड विविधताओं को निर्धारित करने के लिए अगली पीढ़ी के अनुक्रमण का उपयोग करके नैदानिक नमूनों को अनुक्रमित किया गया था.