नई दिल्ली :केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई)-2020 के लिए आईपीएस सहित चार पुलिस सेवाओं में रिक्त पदों के बारे में प्राप्त विवरण में से कुल 251 सीटों को दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) के लिए निर्धारित आरक्षण के दायरे से बाहर रखा गया है.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अदालत को यह भी बताया है कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), डीएएनआईपीएस और पुडुचेरी पुलिस सेवा (पीओएनडीआईपीएस) को दिव्यांगजन अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम के प्रावधान से छूट प्रदान की गयी है. इस कानून में कहा गया है कि दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) के लिए आरक्षण किया जाना चाहिए.
अदालत दिव्यांगता अधिकार संगठनों की दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (आरपीडब्ल्यूडी) 2016 के अनुसार दृष्टिबाधित और बहुदिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गई हैं.
डीओपीटी ने एक हलफनामे में कहा, 'सीएसई-2020 के लिए आईपीएस, आरपीएफ, डीएएनआईपीएस और पीओएनडीआईपीएस के लिए प्राप्त रिक्त पदों में से कुल 251 सीटों को पीडब्ल्यूबीडी के लिए आरक्षण के दायरे से बाहर रखा गया है.'
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, 'छूट देने पर प्रतिवादी (डीओपीटी) के फैसले और प्रतिवादी के नवीनतम हलफनामे को देखते हुए, यहां सूचीबद्ध पदों के लिए यूपीएससी में साक्षात्कार हो रहे हैं, चयन का परिणाम, इन दो रिट याचिकाओं के परिणाम के अधीन होगा.'