उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सिल्कयारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव एवं एमडी एनएचआईडीसीएल महमूद अहमद ने जानकारी दी है कि अगले दो घंटे में सुरंग के अंदर बचे हुए दो पाइप डाले जाएंगे. पाइपों की वेल्डिंग का काम जारी है, जिसमें करीब दो घंटे का समय लगता है. ऑगर मशीन को भी सही कर दिया गया है. महमूद अहमद ने उम्मीद जताई है कि आगे उन्हें कोई बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा.
रात तक कंप्लीट हो सकता है रेस्क्यू ऑपरेशन इसलिए रुका था काम:महमूद अहमद ने बताया कि 22 नवंबर को ऑगर मशीन से 45 मीटर के बाद ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 1.8 तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी लेकिन 46.8 मीटर से आगे की ड्रिलिंग के दौरान मलबे में मौजूद गार्डर (लोहे के टुकड़े) मशीन में फंसने के कारण ड्रिलिंग रोक दी गई. इसको ठीक करने के लिए बचाव अभियान में लगे श्रमिक प्रवीण और बलविंदर ने पाइप के अंदर जाकर मुहाने पर फंसे सरिए के टुकड़ों को काटा. ये काम 23 नवंबर सुबह तक चला.
इसके बाद 23 नवंबर को ऑगर मशीन को फिर से असेंबल करते हुए फिर ड्रिलिंग शुरू की गई और आगे 1.2 मीटर की ड्रिलिंग की गई. इस प्रकार कुल 48 मीटर तक ड्रिलिंग हुई थी. लेकिन तब भी पाइप के आखिरी सिरे पर सरिए के टुकड़े आने के कारण पाइप क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके बाद क्षतिग्रस्त 1.2 मीटर पाइप को काटकर बाहर निकाला गया. वहीं, ऑगर मशीन का प्लेटफार्म भी ढह गया. दिल्ली से पहुंचे 7 एक्सपर्ट्स की टीम ने मशीन को ठीक किया. इस कारण गुरुवार रात से ड्रिलिंग का काम रुका रहा.
गुरुवार ड्रिलिंग करते समय ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म टूट गया था.
रेस्क्यू ऑपरेशन के नोडल सचिव नीरज खैरवाल ने बताया कि ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार (GPR) अध्ययन से पता टला कि आगे 5.4 मीटर में इस तरह की कोई रुकावट नहीं है. ऐसे में दोबारा 46.8 मीटर (1.2 मीटर पाइप काटने के बाद) से आगे ड्रिलिंग पूरी सावधानी के साथ शुरू होगी.
फिर से इनस्टॉल की गई ऑगर मशीन
दरअसल, बीते 13 दिनों से उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने जद्दोजहद जारी है. करीब 46.8 मीटर हिस्से में पाइप अंदर जा चुके हैं, लेकिन आगे के 12 से 14 मीटर का हिस्सा काफी चुनौतीपूर्ण है. सड़क और परिवहन सचिव तकनीकी महमूद अहमद के अनुसार अगले दो घंटे पाइपों को जोड़ने का काम किया जाएगा. उसके बाद पाइपों को ड्रिल की मदद से सुरंग में अंदर भेजा जाएगा. ड्रिलिंग करने के लिए सिर्फ 12 मीटर का हिस्सा बचा हुआ है.
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ड्रिलिंग के बाद NDRF संभालेगी मोर्चा:ड्रिलिंग पूरी होने के बाद NDRF की टीम ऑक्सीजन सिलेंडर, हेलमेट, गैस कटर जैसे उपकरणों को साथ लेकर इस 800 मिमी पाइपलाइन से अंदर से फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचेगी. सुरंग के अंदर और बाहर के तापमान में अंतर होने के कारण मजदूरों को एकदम से बाहर नहीं लाया जाएगा. जरूरत पड़ने पर व्हील्स लगी ट्रॉली के जरिए भी श्रमिकों को बाहर की ओर खींचकर निकाला जा सकता है.
एक के बाद एक जैसे-जैसे मजदूर बाहर आते रहेंगे उनको तुरंत तभी बाहर खड़ी एंबुलेंस में ग्रीन कॉरिडोर से होते हुए चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया जाएगा. यहां श्रमिकों के लिए 41 बेड का हॉस्पिटल बनाया गया है. जरूरत पड़ी तो मजदूरों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स पहुंचाया जाएगा. यहां भी 41 बेड रिजर्व रखे गए हैं. श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए उनकी काउंसलिंग भी करवाई जाएगी.
अलर्ट मोड पर हैं मुख्यमंत्री: वहीं, हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम चरण में है. पीएम मोदी लगातार मजदूरों से बारे में पूरी जानकारी ले रहे हैं और समाधान पर चर्चा करते हैं. केंद्र और राज्य सरकार की सभी एजेंसियां मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए काम कर रही हैं. उम्मीद है कि जल्द ही यह ऑपरेशन पूरा होगा और सभी मजदूर बाहर आ जाएंगे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार से ही सीधे उत्तरकाशी के लिए निकल गए है.
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बता दें कि 12 नवंबर को दीपावली के दिन सुबह करीब 5.30 बजे उत्तरकाशी जिले के सिल्कयारा में करीब 4.5 किमी लंबी निर्माणाधीन टनल में मुहाने से करीब 200 मीटर अंदर भूस्खलन हो गया था. इस दौरान नाइट शिफ्ट में काम कर रहे 41 मजदूर टनल के दूसरे हिस्से में फंसे गए थे, जिन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन 13 दिनों बाद भी रेस्क्यू टीम को कोई कामयाबी नहीं मिली है. उम्मीद की जा रही है सब कुछ सही रहा तो आज शाम तक टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.