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कई मजदूरों की जान अब भी सुरंग में फंसी, इंदौर की विशाल ड्रिलिंग मशीन रेस्क्यू में निभाएगी अहम रोल, ग्लोब मास्टर एयरक्राफ्ट से भेजी

Uttarakhands Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के यमुनोत्री में बनाई जा रही सुरंग धंसने के बाद, करीबन 41 मजदूरों की जान अटकी हुई है. वे यहां जिंदगी-मौत के बीच जूझ रहे हैं. ऐसे में अब इंदौर से मदद मांगी गई है. एक विशाल ड्रिलिंग मशीन उत्तराखंड से भेजी गई है. जानें, क्या है पूरा मामला...

Uttarakhands Tunnel Rescue Operation
मिशन उत्तराखंड रेस्क्यू ऑपरेशन

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 18, 2023, 10:50 PM IST

इंदौर। उत्तराखंड के यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बनाई जा रही एक सुरंग के धंस जाने से जहां 41 मजदूर पिछले 6 दिन से जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. वहीं, श्रमिकों को बचाने के लिए इंदौर से मदद मांगी गई है. लिहाजा, इंदौर से ऐसी विशाल ड्रिलिंग मशीन उत्तराखंड भेजी गई है, जो लंबी सुरंग खोदकर श्रमिकों को जीवन दान दे सकती है. नेशनल हाईवे के इंदौर प्रबंधन के मुताबिक ग्लोब मास्टर एयरक्राफ्ट के जरिए इस मशीन को उत्तराखंड के यमुनोत्री स्थित घटनास्थल पर भेजा गया है.

दरअसल, नेशनल हाईवे द्वारा की जा रही खुदाई के दौरान उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा और डांडल गांव को जोड़ने के लिए यह सुरंग बनाई जा रही थी. जिसमें बीते रविवार को यह हादसा हुआ था. हादसे के वक्त सुरंग में करीब 40 मजदूर काम कर रहे थे. बताया जा रहा है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं, जिन्हें बाहर से ऑक्सीजन की सप्लाई दी जा रही है. इधर, इन श्रमिकों की जान बचाने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पता चला था कि इंदौर में पीजे सूद कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास फिलहाल ओगर ड्रिलिंग मशीन उपलब्ध है, जिसके जरिए श्रमिकों की जान बचाई जा सकती है.

इसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अलावा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने तत्काल इंदौर में नेशनल हाईवे इंदौर डिविजन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल से संपर्क किया था. इसके बाद इंदौर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बड़ौदा की संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी पीजे सूद से संपर्क करके औगर मशीन को तत्काल लोड कर एयरपोर्ट तक पहुंचाकर उत्तराखंड भेजने की व्यवस्था की.

दरअसल, यह मशीन करीब 29 टन भारी है. तत्काल उत्तराखंड ले जाना मुश्किल था. इसलिए भारत सरकार के निर्देश पर इंडियन एयरफोर्स के c17a ग्लोब मास्टर एयरक्राफ्ट को इंदौर भेजा गया. जिसमें लोड की जाकर यह मशीन उत्तराखंड भेजी गई है. बताया जा रहा है, कि घटनास्थल पर उक्त मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया है.

देश में सिर्फ दो ड्रिलिंग मशीन:नेशनल हाईवे इंदौर के डायरेक्टर सुमेश बांझल के मुताबिक देश में सिर्फ दो ही औगर मशीन मौजूद है. जो संयोग से इंदौर में थी. जिसे कुछ दिनों में ही विदेश भेजा जाना था. लेकिन उत्तराखंड की इमरजेंसी के कारण सहयोग से यह व्यवस्था इंदौर से हो सकी है. उन्होंने बताया यह मशीन करीब डेढ़ मीटर के पाइप को गोल घूमते हुए एक बार में 100 मीटर तक की सुरंग बनाती है.

मौके पर क्योंकि 60 मीटर गहराई चाहिए इसलिए इस मशीन के जरिए डेढ़ मीटर गोली वाला पाइप श्रमिकों के फंसे रहने के स्थान तक डाला जाएगा इसके बाद मशीन के पाइप के अंदर से ही श्रमिक बाहर निकाल लिए जाएंगे फिलहाल इस मशीन ने मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है.

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