देहरादून : उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावना है. प्रदेश में तमाम ऐसे पर्यटन स्थल हैं जहां रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. भारी संख्या में पर्यटकों का उत्तराखंड में जमावड़ा रहता है. पर्यटकों के कारण ही उत्तराखंड के कई पर्यटन कारोबारियों की रोजी-रोटी चलती है. लेकिन 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद परिस्थितियां पूरी तरह से भिन्न हो गई. संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन के चलते पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह से थम गईं. हालांकि, अनलॉक के दौरान पर्यटन गतिविधियां धीरे-धीरे तो शुरू हुई, लेकिन बची-खुची कसर कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर ने निकाल दी है.
पिछले साल की तरह ही पर्यटन ठप
साल 2020 में अनलॉक के दौरान राज्य सरकार ने पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर दिया. जिसका नतीजा यह रहा कि एक बार फिर प्रदेश में पर्यटकों के आने का सिलसिला शुरू हुआ. हालांकि सरकार के कोरोना नियमों के कारण पर्यटकों की संख्या सीमित रही. बावजूद इसके हजारों की संख्या में पर्यटकों ने उत्तराखंड की ओर रुख किया. इसके अतिरिक्त चारधाम के दर्शन के लिए भी श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचे. लेकिन कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की दस्तक के बाद एक बार फिर स्थितियां पिछले साल की तरह ही बन गई हैं. मौजूदा वक्त में पिछले साल की तरह ही पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई हैं.
पर्यटकों के पसंदीदा पर्यटक स्थल
प्रदेश में मुख्य रूप से धार्मिक स्थल, चारधाम, हेमकुंड साहिब, हरिद्वार, ऋषिकेश, नानकमत्ता और पिरान कलियर हैं. जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इसके साथ ही तमाम पर्यटक स्थल ऐसे भी हैं जहां पर्यटक उत्तराखंड की खूबसूरत और शांत वादियों का लुत्फ उठाने आते हैं. जैसे मसूरी, धनौल्टी, नैनीताल, फूलों की घाटी, औली, लैंसडाउन, टिहरी झील, चोपता, चकराता, सहस्त्रधारा. यही नहीं, वन्य जीव प्रेमी कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क और नंदा देवी नेशनल पार्क का रुख भी करते हैं. इसके साथ ही साहसिक गतिविधियों के लिए राफ्टिंग, स्कीईंग, पर्वतारोहण आदि के लिए भी हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक उत्तराखंड पहुंचते हैं. लेकिन कोरोना के कारण गतिविधियां बंद होने के कारण प्रदेश की लाइफलाइन कहा जाने वाला पर्यटन ठप पड़ा है.
2019 में करीब 4 करोड़ पर्यटक उत्तराखंड आए
उत्तराखंड में पर्यटन की ना सिर्फ अपार संभावनाएं हैं, बल्कि वर्तमान समय में तमाम ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां बीते सालों में रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते थे. साल 2018 की बात की जाए तो यह आंकड़ा करीब साढ़े तीन करोड़ से अधिक तक चला जाता है. हालांकि साल 2019 में यह आंकड़ा 3 करोड़ 92 लाख तक पहुंच गया था. यही नहीं, हर साल चारधाम की यात्रा में भी लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं. जिससे उत्तराखंड के लाखों परिवारों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. लेकिन साल 2020 में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद से ही उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है.
पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों को छूट देने पर विचार
प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण इस साल भी पर्यटन गतिविधियां बंद पड़ी हैं. जिसके चलते पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारी लगातार सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं. हालांकि, पिछले साल सरकार की ओर से आर्थिक सहायता और लाइसेंस नवीनीकरण, बिजली बिलों के भुगतान में छूट दी गई थी. ऐसे में इस साल भी इन कारोबारियों को छूट दिए जाने के लिए पर्यटन महकमे ने विचार-विमर्श करना शुरू कर दिया है. वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि व्यापारियों को राहत देने के लिए विचार-विमर्श किया जा रहा है. जल्द ही मुख्यमंत्री के सामने प्रस्ताव रखकर इस विषय पर चर्चा की जाएगी.
2020- 67,387 पर्यटक उत्तराखंड आए (चारधाम यात्रा को छोड़कर)
2020- 3,21,906 श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे