देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने साइबर ठगी के बड़े मामले का खुलासा किया है. साइबर ठगी के मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने राजस्थान के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने देहरादून के दंपति से 9 लाख 40 हजार रुपए की ठगी की थी. जांच के दौरान पुलिस को साइबर ठग का पाकिस्तानी कनेक्शन भी मिला. ये साइबर ठग विदेशों में रह रहे भारतीयों से पाकिस्तानी एजेंट्स की मदद से ठगी करता था.
उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि, साइबर क्राइम थाने में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई. पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी पत्नी को 9 जून 2023 को एक फोन कॉल आया. फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा वह उनके बेटे हरप्रीत का दोस्त सरब बोल रहा है, जो कनाडा रहता है. सबर से हरप्रीत के परिजन भी परिचत थे.
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परिवार को ऐसे बनाया शिकार:आरोपी ने हरप्रीत की मां से कहा कि वो उत्तराखंड में जमीन लेना चाहता है. इसके लिए उसका बजट करीब 80 लाख रुपए है. आरोपी ने हरप्रीत के घरवालों को विश्वास में लेने के लिए 15 लाख रुपए ट्रांसफर करने की बात कही. आरोपी ने हरप्रीत की मां को पैसे भेजने की ट्रांसफर रिसिप्ट भी भेजी, लेकिन पीड़ित की खाते में पैसे नहीं आए.
पहले 2.5 लाख का चूना लगाया:इसके कुछ समय बादआरोपी ने फिर से कॉल किया. उसने हरप्रीत के घरवालों से कहा कि 2.5 लाख रुपए ट्रैवल एजेंट गुरू चरण सिंह (निवासी कीर्तिनगर) के खाते में डाल दें क्योंकि उसकी मां बहुत बीमार है. ये सुनकर पीड़ित आरोपी की बातों में आ गए. उन्होंने बताए गए खाते में रुपए डाल दिए. इसी तरह आरोपी ने अलग-अलग माध्यमों से करीब 9.50 लाख रुपए पीड़ित परिवार से ठगे. कुछ दिनों बाद पीड़ित परिवार को अपने साथ ठगी का एहसास हुआ, जिसके बाद उन्होंने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया.
पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तार के लिए टीम का गठन किया. टीम ने आरोपियों के फोन नंबर और बैंक खातों की डिटेल खंगाली. इसके बाद पुलिस आरोपी धर्मेन्द्र कुमार निवासी जिला सीकर राजस्थान तक पहुंची, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया.
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विदेशी नंबर का करते थे इस्तेमाल: आरोपी ऐसे लोगों को निशाना बनाता था जिनके परिवार का कोई सदस्य विदेश में रहता है. वह उसी देश के नंबर से परिवार को कॉल किया करता था. इसके बाद आरोपी किसी न किसी तरह उन्हें अपने झांसे में ले लेता था. फिर उनसे ठगी करता था. एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया आरोपी दुबई में बैठे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पाकिस्तानी एजेंट्स के जरिए भारतीयों को ठगने का काम करता है. ये भी सामने आया है कि आरोपी दुबई/सऊदी अरब और पाकिस्तान में रह रहे लोगों की सैलरी को भारतीय मुद्रा में कंवर्ट करवाने के नाम पर धोखाधड़ी करता था. शुरुआती जांच में आरोपी के पाकिस्तान और दुबई से लिंक सामने आये हैं. मामले की जांच की जा रही है.