देहरादून(उत्तराखंड):22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है. 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर लोगों में काफी उत्साह दिख रहा है. देवभूमि उत्तराखंड में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खास तैयारियां की जा रही है. उत्तराखंड में भगवान राम के बहुत से प्राचीन मंदिर हैं. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समारोह वाले दिन इन मंदिरों में दीपोत्सव मनाया जाएगा. आइये आपको बताते हैं उत्तराखंड में भगवान राम से जुड़े मंदिर कौन-कौन से हैं.
देवप्रयाग का रघुनाथ मंदिर: उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के देवप्रयाग में रघुनाथ मंदिर स्थित है. यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. यहां भगवान राम और माता सीता की पूजा अर्चना की जाती है. इस मंदिर का निर्माण 6वीं से 9वीं शताब्दी के बीच किया गया था. यह मंदिर देवप्रयाग शहर के अलकनंदा और भागीरथी नदी के संगम पर स्थित है. देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नदी के संगम के बाद ये गंगा नदी बनती है. मान्यता है कि भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद श्राप मुक्ति के लिए इसी स्थान पर तपस्या की थी. इस मंदिर का रखरखाव उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड की ओर से किया जाता है.
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अल्मोड़ा का रामशिला मंदिर: अल्मोड़ा जिले में एतिहासिक रामशिला मंदिर है. जिसका निर्माण साल 1588 में कुमाऊं के चंद वंशीय राजा रुद्रचंद ने कराया था. यह मंदिर नागर शैली में बना हुआ है जो मध्यकालीन वास्तु का उत्कृष्ट नमूना है. मंदिर मुख्य कक्ष में पत्थर पर चरण पादुकाएं हैं. जिनका भगवान राम की पादुका के रूप में पूजन किया जाता है. हर साल रामनवमी के दिन इस मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. यह रामशिला मंदिर काफी एतिहासिक मंदिर है. यह मंदिर काफी दयनीय स्थिति में है. जिसे जीणोद्धार की दरकार है.
रानीखेत का राम मंदिर: अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में भी राममंदिर स्थित है. यह मंदिर एक प्राचीन शैली से बनाया गया है. मान्यता है कि इसी स्थान पर माता सीता में अपना अंश छोड़ा था. इसी स्थान पर भगवान राम और माता सीता ने रात्रि विश्राम किया था. ऐसे में इस राम मंदिर में भगवान राम और माता सीता की पूजा की जाती है. यह मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है. जिसके कारण यहां से मनमोहक नजारें दिखते हैं, जो पर्यटकों को काफी पसंद आते हैं. बता दे साल 2020 में अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए इस मंदिर से पावन मिट्टी को अयोध्या भेजा गया था.