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उत्तराखंड में आफत मूसलाधार : 45 की मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख - उत्तराखंड में आफत मूसलाधार

उत्तराखंड में बारिश भारी तबाही लेकर आई है. बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण अबतक प्रदेश में 45 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग लैंडस्लाइड के कारण लापता हैं. नदियां उफान पर हैं तो नैनीताल जिले का सड़क संपर्क देश-दुनिया से कट चुका है. चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है.

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Published : Oct 19, 2021, 5:37 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 10:35 PM IST

देहरादून :उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते 45 लोगों की मौत हो चुकी है. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए प्रदेश में हुई मौतों पर दुख जताया है. पीएम ने लिखा कि 'उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा के कारण लोगों की जान जाने से मैं व्यथित हूं. घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें, प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव कार्य जारी है. मैं सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं.

मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए देगी सरकार

सीएम पुष्कर सिंह धामी भारी बारिश के बाद ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए विभिन्न जगहों का भ्रमण कर रहे हैं. इसी क्रम में रुद्रपुर पहुंचे सीएम धामी ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान किया है. सीएम धामी ने कहा कि सरकार मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए की आर्थिक मदद और टूटे हुए मकानों के लिए एक लाख 9 हजार रुपए देगी.

सीएम ने की संयम बरतने की अपील

सीएम धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वायु सेना की भी मदद मांगी है. हवाई सेना के तीन हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं, जिनमें से दो हेलीकॉप्टर कुमाऊं और एक हेलीकॉप्टर गढ़वाल में तैनात होगा. मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील भी की है कि इस समय घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार पूरी तरीके से प्रदेश वासियों के साथ खड़ी है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा कंट्रोल रूम से प्रदेश की स्थितियों का जायजा लेने के बाद हवाई निरीक्षण करने के लिए रवाना हो गए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ आपदा मंत्री धन सिंह रावत भी थे. हवाई निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री और मंत्री स्थलीय निरीक्षण पर भी जाएंगे. मुख्य रूप से मुख्यमंत्री और मंत्री आपदा प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे.

सीएम ने किया हवाई निरीक्षण.

गुजरात के सीएम ने धामी से की बात

वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को उत्तराखंड के अपने समकक्ष पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की और उनसे भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के बाद फंसे गुजराती तीर्थयात्रियों को हर संभव सहायता मुहैया कराने का आग्रह किया. गुजरात के राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि एक आकलन के मुताबिक चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड गए गुजरात के विभिन्न हिस्सों के करीब 100 तीर्थयात्री भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के बाद वहां फंस गए हैं.

किस जिले में कितनी हुई मौत

जिला मौत
नैनीताल 30
चंपावत 04
पौड़ी 03
अल्मोड़ा 06
पिथौरागढ़ 01
बागेश्वर 01
कुल 45

इन नंबरों पर करें संपर्क

सरकार ने किसी भी प्रकार की आपदा की घटनाओं की सूचना या जानकारी लेने के लिए आपदा कंट्रोल रूम नंबर 0135-2710334, टोल-फ्री-1070 के साथ ही मोबाइल नंबर 8218867005, 9557444486 जारी किया है.

चल रहा रेस्क्यू अभियान.

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने किया सीएम धामी को फोन

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार प्रदेश में हालात लगातार नाजुक बने हुए हैं. वहीं केंद्र सरकार से गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के हालातों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जानकारी ली है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रदेश के हालात की जानकारी ली. अब तक के प्रदेश के हालातों पर अगर नजर डालें तो आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट कुछ इस तरह से आंकड़े पेश करती है-

नैनीताल जिले के क्वारब में 2, मुक्तेश्वर के गांव में 3, रामगढ़ के झुटिया गांव में 5 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा अल्मोड़ा जिले में 3 लोगों की मौत हुई है. सोमवार को पौड़ी जिले के लैंसडाउन में 3 मजदूरों की मौत हो गई थी. चंपावत में मां-बेटे समेत दो लोगों की मौत हो गई थी. बागेश्वर के भनार में एक युवक के ऊपर चट्टान से पत्थर गिर गया. इससे उसकी मौत हो गई. सेना की पंचशूल ब्रिगेड ने चंपावत के टनकपुर और नैनीताल जिले में आपदा में फंसे 116 लोगों को रेस्क्यू किया है.

उत्तराखंड में बारिश-बाढ़ और लैंडस्लाइड से हालात बेकाबू.

नैनीताल में हाहाकार

नैनीताल जनपद में पिछले 48 घंटे हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है. भारी बारिश की वजह से नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. जगह-जगह मलबा आने और सड़कें क्षतिग्रस्त होने से नैनीताल जिले से कुमाऊं मंडल के सभी संपर्क मार्ग कट गए हैं. वहीं, आपदा के चलते अभी तक 30 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि बहुत से लोग अभी लापता हैं.

एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हुईं हैं. सेना और एयरफोर्स को भी मदद के लिए बुलाया गया है. लगातार बारिश होने की वजह से राहत और बचाव कार्य में देरी हो रही है. संपर्क मार्ग कटने से राहत टीमों को बचाव कार्यों के लिए पैदल जाना पड़ रहा है.

अपर जिला अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में हुआ है. कई मकान बह गए हैं. इसके अलावा घरों में मलबा घुसने से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. नैनीताल जनपद में अभी तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अभी भी बहुत लोग लापता हैं जिनकी तलाश जारी है.

915 लोगों को निकाला सुरक्षित

नैनीताल जनपद में लगातार हो रही बारिश के के बीच आपदा प्रबंधन टीम एवं एसडीआरएफ को मय आपदा उपकरणों के तत्काल आपदाग्रस्त क्षेत्रों में फंसे यात्रियों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है.

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अल्मोड़ा में 2 मकान ढहे, तीन की मौत

अल्मोड़ा जिले में तहसील भतरौंजखान के रापड़ गांव में मूसलाधार बारिश होने की वजह से एक मकान ढह गया जिसमें 3 लोगों की दबने से मौत हो गई है. एक महिला को सुरक्षित निकाल दिया गया है. भिकियासैण तहसील में भी एक आवासीय भवन के जमींदोज होने की सूचना है. इसमें कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. जिले में वर्षा के आंकड़ों बात करें तो अधिकतम वर्षा के आंकड़े 230 एमएम ताकुला क्षेत्र में दर्द किए गए हैं. मार्गों की बात करें तो अल्मोड़ा में 01 राष्ट्रीय राजमार्ग, 7 राज्य मार्ग और 09 ग्रामीण मार्ग बंद हैं.

48 घंटे से हो रही है बारिश

उत्तराखंड में मौसम के हाई अलर्ट के बाद लगातार पिछले 48 घंटों से बरसात हो रही है. प्रदेश के कई इलाकों में बारिश के बढ़े हुए आंकड़े सामने आए हैं तो वहीं नदियां भी उफान पर हैं. उत्तराखंड इस समय खराब मौसम की वजह से नाजुक हालातों से गुजर रहा है. हालांकि, प्रदेश सरकार के साथ-साथ यकीनन सरकार भी लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए है, तो वहीं पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही बारिश के बाद मैदान से लेकर पहाड़ों पर क्या कुछ हालात हैं और नदियों की क्या कुछ स्थिति है सरकार इस पर नजर बनाए हुए है.

चमोली में 4 मजदूर मलबे में दबे

चमोली जिले में बीती रात करीब 1 बजे मूसलाधार बारिश के चलते जोशीमठ मखंड़ी के पास लैंडस्लाइड होने से 4 मजदूर, जिनमें से 3 महिला और एक पुरुष थे के दबने की सूचना मिली है. इसमें से एक महिला घायल है. अन्य लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जिले में अब तक अधिकतम वर्षा 185mm जोशीमठ क्षेत्र में दर्ज की गई है. चमोली में बहने वाली नदियों की अगर हम बात करें तो अलकनंदा नदी 955.30 मीटर पर बह रही है. इस नदी का खतरे का स्तर- 957.42 मीटर है. नंदाकिनी नदी का जलस्तर इस समय- 868.25 मीटर है. नंदाकिनी के खतरे का स्तर- 871.50 मीटर है. कर्णप्रयाग में पिंडर नदी का जलस्तर इस समय- 771 मीटर है. इसका खतरे का स्तर- 773.00 मीटर है.

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चमोली में सड़कों की स्थिति

ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग NH 58 तोताघाटी के पास बंद था. इसे आज सुबह 8 बजे से खोला गया है. वहीं इसके अलावा जिले में 07 ग्रामीण मोटर मार्ग भी यातायात के लिए अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

ऋषिकेश में 52 MM बारिश दर्ज

देहरादून जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद अब तक अधिकतम वर्षा ऋषिकेश में 52.0 mm दर्ज की गई है. वहीं इसके अलावा देहरादून जिले में 01 ग्रामीण मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं जिन्हें खोलने की कार्रवाई चल रही है. हरिद्वार में कोई सड़क मार्ग तो अवरुद्ध नहीं है, लेकिन जिले में अब तक अधिकतम बारिश रुड़की में 50MM दर्ज की जा चुकी है तो वहीं हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 291.05 मीटर पर है. जबकि खतरे का स्तर 294.00 मीटर है.

पौड़ी में 131MM बारिश

पौड़ी जिले में लगातार बारिश हो रही है जिले में अब तक सबसे ज्यादा श्रीनगर में 131MM बारिश दर्ज की गई है. मार्गों की बात करें तो 1 जिला मार्ग और 4 ग्रामीण मार्ग बंद हैं.

उत्तरकाशी जिले में भी लगातार बारिश

जिले में अधिकतम बारिश 64mm उत्तरकाशी शहर क्षेत्र में दर्ज की गई है. नदी के जल स्तर की बात करें तो भागीरथी नदी का जलस्तर सुबह 8:00 बजे 1119.05 मीटर था. खतरे का स्तर 1123.00 मीटर है. मार्गों की बात करें तो ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 108 स्वारीगाड़ और हर्षिल के पास लैंडस्लाइड होने की वजह से बाधित है. इसके अलावा उत्तरकाशी जिले में 03 अन्य ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध है.

रुद्रप्रयाग में वर्षा का अधिकतम आंकड़ा

रुद्रप्रयाग जिले में वर्षा के अबतक सबसे अधिकतम आंकड़े उखीमठ में 60.0 एमएम दर्ज की गई है. नदियों के स्तर की बात करें तो रुद्रप्रयाग में बहने वाली नदी अलकनंदा का जलस्तर 627 मीटर है. जबकि खतरे का स्तर 627 मीटर है. इसके अलावा मंदाकिनी नदी 625 मीटर पर बह रही है. जबकि खतरे का स्तर 626 मीटर है. मार्गों की अगर बात करें तो सभी राजमार्ग और ग्रामीण सड़कें खुली हुई हैं.

टिहरी बांध का जलस्तर बढ़ा

टिहरी जिले में मौजूद प्रदेश के सबसे बड़े बांध टिहरी बांध का जलस्तर 827 प्वाइंट 70 मीटर जबकि बांध का अधिकतम जलस्तर 830 मीटर है. वर्षा के आंकड़ों की बात करें तो टिहरी जिले में देवप्रयाग क्षेत्र में अधिकतम 121MM बरसात दर्ज की जा चुकी है. मार्गों की अगर बात करें तो ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 58 तीन धारा के पास भूस्खलन होने की वजह से अवरुद्ध है. इसके अलावा जिले में 1 राज्य मार्ग और 02 ग्रामीण मोटर मार्ग भी बंद हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

उधमसिंह नगर में भारी जलभराव, 150 लोग फंसे

उधम सिंह नगर में लगातार दो दिन से हो रही बारिश की वजह से किच्छा, सितारगंज, बाजपुर और रुद्रपुर में भारी जलभराव होने की सूचना है. तहसील रुद्रपुर के अंतर्गत जगतपुरा, मोतीपुर, पहाड़गंज, तीनपानी डैम, रामगढ़, रुद्रपुर ट्रांजिट कैंप और शिव नगर में जलभराव होने की वजह से 150 लोगों के फंसे होने की जानकारी है. जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों को रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है. वहीं बाजपुर में अत्यधिक वर्षा होने के कारण एक व्यक्ति के बह जाने की सूचना मिली है. जिले में अब तक सबसे ज्यादा खटीमा में 83mm बारिश दर्ज की जा चुकी है.

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सरयू नदी खतरे के निशान के करीब
बागेश्वर जिले में हो रही बारिश में अबतक अधिकतम 182 एमएम बागेश्वर क्षेत्र में वर्षा के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. वहीं बागेश्वर जिले में पड़ने वाली नदियों के जलस्तर की बात करें तो सरयू नदी 866 मीटर पर बह रही है. जबकि खतरे का स्तर 870 मीटर है. इसके अलावा गोमती नदी 866 मीटर पर बह रही है और खतरे का स्तर 870 मीटर है. बागेश्वर में अगर मार्गों की बात करें तो जिले में 1 मुख्य जिला मार्ग बंद है, जिसे खोलने की कार्रवाई की जा रही है.

धनगढ़ी नाले में 150 लोगों के साथ फंसी 4 बसें, 1 मकान ढहा

पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नैनीताल जिले में पड़ने वाले जौलीकोट में मूसलाधार बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना मिली है. जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों के बचाव और राहत का कार्य किया जा रहा है तो वहीं इसके अलावा कालाढूंगी में भारी बारिश की वजह से 150 लोग तीन रोडवेज बसों और एक KMU की बस में धनगढ़ी नाले में फंसे हैं. यहां पर लगातार एसडीआरएफ और अपने प्रबंधन द्वारा रेस्क्यू का काम किया जा रहा है.

चंपावत में शारदा नदी उफान पर, बह रही है खतरे से ऊपर

चंपावत जिले में बहने वाली शारदा नदी उफान पर है और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. शारदा नदी का जलस्तर तकरीबन 222 मीटर है जबकि खतरे का स्तर 221 मीटर है. वर्षा के आंकड़ों की बात करें तो जिले में सबसे अधिक 300MM लोहाघाट क्षेत्र में बारिश के आंकड़े दर्ज किए गए हैं. मार्गों की स्थिति की बात करें तो चंपावत में टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग nh-09 स्वाला और भारतोली के पास लैंडस्लाइड होने की वजह से बंद है तो वहीं इसके अलावा 18 अन्य मोटर मार्ग भी अवरुद्ध हैं. वहीं, सोमवार को चंपावत जिले के सेलाखोला गांव में भूस्खलन का मलबा घर में घुस गया था, जिसकी वजह से घर में मौजूद मां-बेटे की मलबे में दबकर मौत हो गई थी. मृतकों की पहचान कलावती देवी (48) पत्नी आनंद सिंह मौनी और राहुल सिंह मौनी (17) पुत्र आनंद सिंह मौनी के रूप में हुई है.

पिथौरागढ़ में भी हालात बेहद खराब

पिथौरागढ़ जिले में लगातार हो रही भारी बरसात के बीच जिले में बहने वाली नदियों के जलस्तर की बात करें तो काली नदी 889.30 मीटर पर बह रही है. इसका खतरे का स्तर 890 मीटर है. गौरा नदी 606.03 मीटर पर बह रही है जबकि खतरे का स्तर 607.08 मीटर है. सरयू नदी 447 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का स्तर 453 मीटर है. बरसात के आंकड़ों की बात करें तो जिले में सबसे ज्यादा 82 एमएम बारिश पिथौरागढ़ क्षेत्र में दर्ज की गई है. सड़कों की अगर बात करें तो जिले में 1 बॉर्डर मार्ग और 1 ग्रामीण मार्ग बंद है, जिसे खोलने की कार्रवाई लगातार की जा रही है.

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मौसम विभाग से राहत वाली खबर

इधर इस भारी तबाही की बीच मौसम विभाग से राहत भरी खबर आई है. मौसम विभाग का कहना है कि आज से बारिश में कमी आएगी. हालांकि 22 और 23 अक्टूबर को पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है.

Last Updated : Oct 19, 2021, 10:35 PM IST

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