देहरादून : एक व्यापारी के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कर उसके बड़े भाई से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में एक उपनिरीक्षक सहित दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
देहरादून के एसएसपी जनमेजय खंडूरी ने धर्मावाला पुलिस चौकी के उपनिरीक्षक दीपक मैथानी और कॉन्स्टेबल त्रेपन सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई. जिले के विकासनगर क्षेत्र के एक व्यवसायी राकेश सिंह ने मंगलवार को डीजीपी से शिकायत की थी कि मैथानी और सिंह ने आबकारी अधिनियम के तहत उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज कर उनकी पिटाई की और एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की.
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शिकायतकर्ता ने अपने आरोपों के समर्थन में एक ऑडियो क्लिप भी पेश किया, जिसके आधार पर डीजीपी ने एसएसपी को राजपत्रित अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के अलावा उन्हें तत्काल निलंबन का आदेश देने को कहा.
शिकायतकर्ता ने DGP को सुनाया लेन-देन का ऑडियो
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक इस मामले में विकास नगर निवासी शिकायतकर्ता राकेश सिंह द्वारा पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार समक्ष प्रस्तुत होकर शिकायती पत्र धर्मावाला चौकी इंचार्ज और कॉन्स्टेबल के खिलाफ दिया गया था. शिकायतकर्ता ने बकायदा इस आरोप के संबंध में डीजीपी के समक्ष एक ऑडियो क्लिप भी प्रस्तुत किया. शिकायतकर्ता के मुताबिक धर्मावाला चौकी प्रभारी दीपक मैठाणी और कॉन्स्टेबल त्रेपन सिंह द्वारा उनके खिलाफ न सिर्फ शराब तस्करी आरोप में फर्जी मुकदमा किया गया, बल्कि मारपीट कर उनके बड़े भाई को फोन करके एक लाख रुपये की डिमांड की गई. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए ऑडियो क्लिप को संदेह के घेरे में लेते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने तत्काल ही आरोपित चौकी प्रभारी और कॉन्स्टेबल को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं.
शिकायतकर्ता को किया था शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार
थाना सहसपुर पुलिस के मुताबिक 1 अक्टूबर 2021 को पुलिस चौकी प्रभारी दीपक मैठाणी के नेतृत्व में धर्मावाला चौक पर हरियाणा से आ रही एक कार से 30 पेटी अवैध तस्करी की शराब पकड़ी. इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शराब तस्करी आरोप में राकेश सिंह और प्रदीप नाम के दो व्यक्तियों को मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया. हालांकि मुकदमा दफा 60 में होने के चलते अभियुक्तों की अगले दिन जमानत हो गई.
इसी कार्रवाई के उपरांत अब शिकायतकर्ता राकेश सिंह का आरोप है कि उनके ऊपर न सिर्फ शराब तस्करी का झूठा आरोप लगाकर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया, बल्कि मारपीट के साथ ही उनके बड़े भाई से इस मामले में एक लाख रुपये की डिमांड की गई. शिकायतकर्ता राकेश सिंह ने इस एक लाख के लेनदेन से जुड़े तथाकथित एक ऑडियो क्लिप को भी डीजीपी के सामने प्रस्तुत किया है. ऐसे में प्रथम दृष्टया में ऑडियो क्लिप में पुलिस चौकी इंचार्ज और कॉन्स्टेबल के आचरण को संदेह के घेरे में पाते हुए दोनों को निलंबित कर जांच के आदेश दिए गए हैं.