देहरादून(उत्तराखंड): देवभूमि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में हर साल बारिश की वजह से हर क्षेत्र को नुकसान होता है. गढ़वाल हो या कुमाऊं हर एक हिस्सा आज भी विकास के इंतजार में है. ऐसा नहीं है कि केंद्र सरकार हमारे सांसदों को मिलने वाली धनराशि में कोई कटौती कर रही हो, लेकिन इसके बावजूद भी सालाना धनराशि को हमारे सांसद पूरी तरह से खर्च नहीं कर पा रहे हैं. मौजूदा समय में लोकसभा के पांचों सांसदों की अगर बात करें तो 9 महीने बीत जाने के बाद भी करोड़ों रुपए सरकारी खजाने में पड़े हुए हैं.
सांसद निधि के खजाने में हजारों करोड़ों रुपये:यह वो पैसे हैं जिन पैसों से क्षेत्र में योजनाएं और तमाम विकास के कार्य होने हैं. सांसदों द्वारा खर्च किए जा रहे पैसों की हालत यह तब है, जब केंद्र सरकार ने महामारी के समय राज्यों में सांसदों को दी जाने वाली राशि को रोक लिया था. साल 2020-21 के साथ-साथ साल 2021- 22 की सांसद निधि को भारत सरकार ने स्थगित कर दिया था. यह इसलिए भी हुआ था, ताकि पैसा कोरोना महामारी में इस्तेमाल किया जा सके, लेकिन सांसद निधि के खजाने में आज भी करोड़ों रुपए हैं.