उत्तराखंड में फिर होगी 'बादलफोड़' बारिश देहरादून (उत्तराखंड): मौसम विभाग ने एक बार फिर से बारिश का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक 16-17 जुलाई को देहरादून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल और हरिद्वार में भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने इन चार जिलों के लिए रेड अलर्ट और बाकी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक 17 जुलाई को नैनीताल, चंपावत और उधमसिंह नगर में भी भारी बारिश होगी. इस दौरान आंधी-तूफान की भी आशंका है. वहीं, 18 जुलाई से उत्तराखंड में तो बारिश कम होने की बात कही गई है लेकिन उत्तराखंड में होने वाली बरसात से दिल्ली के लिए टेंशन है.
दरअसल, मौसम विभाग ने एक बार फिर से चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 16 और 17 जुलाई को उत्तराखंड के अधिकतर जनपदों में भारी बरसात होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक आगे वाले दो दिनों में प्रदेश में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी. बरसात के बाद नदियां उफान पर होंगी और अंजाम ये होगा कि जिस हथिनीकुंड बैराज के पानी से मौजूदा समय में दिल्ली में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, उसमें और भी इजाफा हो सकता है.
पानी में डूबे हरिद्वार के कई इलाके
क्या है मौसम विभाग का पूर्वानुमान:मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, 16 जुलाई से प्रदेश में बारिश की एक्टिविटी बढ़ने जा रही है. गढ़वाल के देहरादून, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार और कुमाऊं रीजन के नैनीताल, चंपावत, उधमसिंह नगर में भारी से भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. प्रदेश के बाकी जनपदों को ऑरेंज अलर्ट है.
पानी में डूबा हरिद्वार का दिल
पढ़ें-उत्तराखंड में मौसम विभाग ने जारी किया 'आसमानी आफत' का रेड अलर्ट, देहरादून समेत इन जिलों में बंद रहेंगे स्कूल 17 जुलाई को भी वही आसार:वहीं, विक्रम सिंह के अनुसार 17 जुलाई को भी प्रदेश में इसी प्रकार का मौसम बना रहेगा. उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी समेत नैनीताल, चंपावत, उधमसिंह नगर जिलों के कई स्थानों पर भारी से भारी बारिश की संभावना है. 17 जुलाई को इन जिलों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए रेड अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन अन्य जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट किया गया है. विक्रम सिंह बताते हैं कि जिस तरह से बीते दिनों प्रदेश में बारिश हुई है उसी तरह के हालात दोबारा से कई जनपदों में बन सकते हैं. लिहाजा घरों से जरूरी हो तभी निकलें और यात्रा फिलहाल स्थगित कर दें. इसके साथ ही मौसम विभाग ने नदी नालों के आसपास रह रहे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है. इन 2 से 3 दिनों में लोगों को आवागमन नहीं करने की सलाह दी गई है.
दिल्ली झेलेगी और मुसीबत:विक्रम सिंह कहते हैं कि पहाड़ों में लगातार बारिश होगी तो नदियों में पानी एक बार फिर से अत्यधिक आएगा. मतलब साफ है कि पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश का असर से जैसे-जैसे पानी नीचे की तरफ उतर रहा है वैसे-वैसे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ-साथ दिल्ली में भी बाढ़ की स्थिति पैदा कर रहा है. मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया है कि 18 जुलाई को बारिश की एक्टिविटी उत्तराखंड में थोड़ी कम हो जाएगी. ऐसे में 16-17 जुलाई को अगर राज्य में भारी बारिश होती है तो 18 जुलाई को बारिश का पानी देर रात तक एक बार फिर से हथिनीकुंड बैराज पहुंच सकता है. ऐसे में दिल्ली के लिए अगर जल्द कोई व्यवस्था नहीं की गई तो आने वाले समय में और भी दिक्कतों का सामना दिल्ली वासियों को करना पड़ सकता है.
दो दिन के बाद कैसा रहेगा बारिश का असर:विक्रम सिंह बताते हैं कि प्रदेश के इक्का-दुक्का स्थानों पर भारी से भारी बारिश के आसार हैं. उन्होंने बताया कि आगामी 19 तारीख से बारिश से थोड़ी राहत मिलने जा रही हैं, लेकिन प्रदेश के कुछ स्थानों में थंडर स्ट्रोम एक्टिविटी, लाइटनिंग और बिजली गिरने की आशंका हैं.
हरिद्वार, नैनीताल में फिर बिगड़ सकते हैं हालात:दिल्ली के साथ ही हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में भी बीते 4 दिनों से हालात बेहद खराब बने हुए हैं. ऐसे में अगर बारिश और अधिक हुई तो ना केवल गांव के आसपास का जलस्तर बढ़ेगा बल्कि लोगों को अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.
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पानी-पानी हुआ रामनगर: शुक्रवार देर रात से लगातार हुई बारिश ने रामनगर के आसपास स्थित कई ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर तबाही मचाई है. कई इलाके इस बारिश के कारण जलमग्न हो गए तो वहीं कई किसानों की धान की फसल भी पूरी तरह चौपट हो गई है. वहीं लगातार बारिश के चलते पीरुमदारा पुलिस चौकी में भी जलभराव के चलते पुलिस कर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. नेशनल हाईवे 309 मुख्य सड़क पर भी जलभराव के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पीरुमदारा क्षेत्र में कई दुकानों में भी बारिश का पानी घुस गया. उदयपुरी बंदोबस्ती इलाके में कई घरों में पानी घुसने के चलते घरों में रखा सामान पूरी तरह बर्बाद हो गया. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में बने स्टोन क्रशर के कारण यह बरसात का पानी आबादी की ओर रुख कर रहा है. जिसे लेकर कई बार धरना प्रदर्शन किया गया.