देहरादून : उत्तराखंड में हाथियों का एकमात्र अभयारण्य शिवालिक एलिफेंट रिजर्व को खत्म करने के फैसले से जुड़ी फाइल पर मुख्यमंत्री ने अनुमोदन कर दिया है. अब जल्द ही शासन से इसको लेकर आदेश होने की उम्मीद है. यह सब तब है जब स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड के इस फैसले के बाद से हजारों लोग सोशल मीडिया पर इस आदेश के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं.
स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड की तरफ से 24 नवंबर को शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को खत्म करने का फैसला लिया गया था. जिसे लेकर तैयार की गई फाइल पर अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का अनुमोदन भी मिल गया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही एलीफेंट रिजर्व को खत्म करने का सरकार की तरफ से शासनादेश किया जा सकता है.
बता दें कि शिवालिक एलीफेंट रिजर्व खत्म करने से क्षेत्र में विकास कार्यों को किया जा सकेगा, लेकिन वन्यजीव प्रेमियों की आशंका है कि इससे हाथियों की इस क्षेत्र में गतिविधियां प्रभावित होंगी और वन्यजीवों को इसका नुकसान होगा. इन्हीं आशंकाओं के बाद सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है. इस विरोध से जुड़े अभियान में अब तक 12,000 से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं.
हालांकि, इस अभियान में जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के कारण वनों के कटान का विरोध विषय भी जुड़ गया है. माना जा रहा था कि इस विरोध के चलते सरकार को अपने इस फैसले को वापस नहीं जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इससे जुड़ी फाइल को स्वीकृति देकर भी साफ कर दिया है कि शिवालिक एलीफेंट रिजर्व को जल्द ही खत्म किए जाने का आदेश जारी होने जा रहा है. इससे पहले साल 2002 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए इसे एलीफेंट रिजर्व घोषित किया था. जिसे अब त्रिवेंद्र सरकार निरस्त करने जा रही है.