देहरादून : जोशीमठ के रैणी गांव में आई आपदा के बाद से रेस्क्यू अभियान जारी है. वहीं, ऋषि गंगा वैली में बनी झील को लेकर राज्य सरकार और वैज्ञानिकों के बीच मंथन चल रहा है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऋषि गंगा वैली में बनी झील से रिसाव हो रहा है, लिहाजा ये झील खतरनाक नहीं है. लेकिन भविष्य के खतरों को देखते हुए राज्य सरकार इस झील को खाली कराने पर विचार कर रही है, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार भारत सरकार की इंस्टीट्यूशन की भी सहायता लेगी. यही नहीं, रैणी गांव में आई आपदा के नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है.
लेनी पड़ सकती है भारत सरकार की मदद
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि झील अभी स्टेबल है और उस झील से रिसाव हो रहा है. ऐसे में रिसाव होना अच्छा है. साथ ही कहा कि जो वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट सौंपी है. उस पर अध्ययन किया जा रहा है. जिसके बाद तय किया जाएगा कि क्या करना है? इसके लिए भारत सरकार की मदद भी लेनी पड़ सकती है. क्योंकि सरकार का प्रयास है कि ऋषि गंगा में बनी झील को खाली करा दिया जाए.
ग्लेशियर मॉनिटरिंग इंस्टीट्यूट की जरूरत