देहरादून:उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार बहुत से प्रयास कर रही है. यह बात अलग है कि कई प्रयास सिर्फ कागजों में ही कैद हैं, लेकिन अब निजी कंपनी के साथ मिलकर पर्यटन विभाग ने उत्तराखंड गढ़वाल और कुमाऊं में पर्यटकों को हिमालय दर्शन करवाने के लिए हवाई सफारी की शुरुआत की है. हालांकि, इसकी औपचारिक शुरुआत बीते कुछ महीने पहले हो गई थी, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से आगे बढ़ नहीं पाई. लेकिन अब इसको बड़े स्तर पर शुरू किया गया है.
अब पर्यटक उत्तराखंड में हवाई मार्ग से हिमालय के दर्शन कर सकेंगे. इस मार्ग में पर्यटकों को वह खूबसूरत दृश्य दिखाए जाएंगे, जहां तक शायद ही कोई पहुंच नहीं पाता हो. शुरुआत में यह सेवा मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट सेल शुरू हुई है, जोकि लगभग 15 से 20 मिनट में हिमालय दर्शन करवाएगी. इसके साथ ही हरिद्वार के बैरागी कैंप से भी इसकी शुरूआत जल्द की जाएगी, जो हिमालय दर्शन के साथ-साथ गढ़वाल को कुमाऊं यानी हरिद्वार को टनकपुर से सीधे जुड़ेगी.
बेहद खूबसूरत होगी हिमालय दर्शन की यात्रा: मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट से उड़ने वाली हवाई सफारी पर्यटकों को हवाई मार्ग से देहरादून मसूरी टिहरी के साथ-साथ उन पर्वतों के करीब ले जाएगी, जो पर्वत अबतक लोग हजारों किलोमीटर दूर से ही देख पाते थे. सर्दियों के मौसम में यह यात्रा इसलिए भी बेहद अलग होगी. क्योंकि इस वक्त उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों पर भारी बर्फबारी होती है. ऐसे में चांदी जैसे चमकने वाले पहाड़ हवाई मार्ग से और भी ज्यादा खूबसूरत दिखाई देंगे. हवाई सफर के लिए समय सीमा भी तय की गई हैं, जिसमें एक राइड लगभग 15 से 20 मिनट की होगी, जबकि दूसरी राइड में आप 45 से 55 मिनट की उड़ान भर सकते हैं. 45 से 55 मिनट की इस उड़ान में आप लगभग 50% उत्तराखंड को हवाई मार्ग से देख पाएंगे.
कितना है खर्च और कैसे करेंगे बुकिंग:यात्रियों को इस हवाई सफारी के लिए 15 से 20 मिनट राइड के लगभग ₹7,500 देने होंगे, जबकि 45 से 55 मिनट की सफारी के लिए लगभग ₹11 हजार खर्च करने होंगे. एक बार में 6 व्यक्ति हवाई सफर का आनंद ले पाएंगे. इसके साथ ही हेलीकॉप्टर के अलावा देहरादून के मांजरी से हवाई पैराग्लाइडिंग भी पर्यटकों को करवाई जा रही है, जिसमें देहरादून के मांजरी से उड़कर पर्यटक ऋषिकेश परमार्थ निकेतन और राम झूला लक्ष्मण के ऊपर से होते हुए लगभग 25 मिनट का सफर तय कर पाएंगे. इस पैराग्लाइडिंग में पर्यटक एक बार में एक जना ही सफर तय कर पाएगा.
पर्यटक तमाम एडवेंचर के लिए ऑनलाइन टूरिज्म डिपार्टमेंट की वेबसाइट और निजी कंपनी की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते हैं. उत्तराखंड में आज से लगभग दो साल पहले भी हिमालय दर्शन की शुरुआत हुई थी, लेकिन यह योजना इसलिए भी आगे नहीं बढ़ पाई, क्योंकि तमाम निजी कंपनियों ने जो हेलीकॉप्टर यात्रा के लिए लगा रखे थे. उन्होंने बाद में इन हेलीकॉप्टर को केदारनाथ यात्रा में लगा दिया था.
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सतपाल महाराज ने कहा मिलेगा टूरिज्म को फायदा: उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज कहते हैं कि हम देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को वह सारी सुविधाएं उत्तराखंड में देना चाहते हैं. जिससे उत्तराखंड के लोग अधिक से अधिक जान सकें कि जॉर्ज एवरेस्ट से इस योजना की शुरुआत उस वक्त इसलिए शुरू की गई थी. क्योंकि बहुत कम लोगों को पता है कि महान सर्वेयर सर जॉर्ज एवरेस्ट ने अपने जीवन में क्या कुछ हासिल किया है, जब पर्यटक हिमालय दर्शन के लिए वहां पर पहुंचेगा, तो जॉर्ज एवरेस्ट के बारे में भी बहुत सारी चीजें. उन्हें पता लगेंगी. हिमालय दर्शन यात्रा राज्य में शुरू हुई है. उसका लोग भरपूर आनंद ले सकें. इसके लिए आगे भी और हवाई कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है. हमें उम्मीद है कि राज्य में पर्यटन को इससे बेहद बढ़ावा मिलेगा.