देहरादून:कोरोना काल के 2 साल बाद आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर है. वहीं, कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले उत्तराखंड सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. बता दें कि इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर पहली बार अनिवार्य रजिस्ट्रेशन की घोषणा की गई थी. लेकिन, अब सरकार ने यू-टर्न लेते हुए फिलहाल कांवड़ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता खत्म कर दी है.
बता दें कि ऐसा ही बयान चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले मंत्री गणेश जोशी ने रजिस्ट्रेशन को लेकर दी थी, जिसे लेकर सरकार की खूब फजीहत हुई थी. क्योंकि चारधाम यात्रियों में रजिस्ट्रेशन को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई थी, जो अब कांवड़ यात्रा के दौरान भी दिखाई दे रहा है.
14 जुलाई से कांवड़ यात्रा: सावन के पहले सप्ताह में 14 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होनी है, लेकिन जानकारी अनुसार यह यात्रा एक दिन पहले यानी 13 जुलाई से ही शुरू हो जाएगी. कानून व्यवस्था और सुरक्षा कारणों के चलते पहली बार कांवड़ यात्रियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है. हालांकि, इसकी अनिवार्यता फिलहाल नहीं रखी गई है. यही कारण है कि अभी तक मात्र ढाई हजार से कुछ अधिक श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. बताया जा रहा की यह संख्या अगले 24 से 48 घंटों में रफ्तार पकड़ेगी.
तैयारियों में जुटी उत्तराखंड पुलिस:आगामी गुरुवार से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा 2022 को लेकर उत्तराखंड पुलिस तैयारियों को अंतिम रूप दे रही है. हरिद्वार-ऋषिकेश और नीलकंठ जैसे धामों में 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा मुख्य मार्गों और प्रदेश के बॉर्डर इलाकों सहित अन्य धार्मिक स्थलों में भी अतिरिक्त फोर्स डिप्लॉय की गई है.
आतंकरोधी गुलदार दस्ता की तैनाती: कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था में आतंकरोधी गुलदार दस्ता भी तैनात किया जाएगा. हरकी पैड़ी और आसपास के संवेदनशील स्थानों पर दस्ते के कमांडो की तैनाती होगी. उत्तराखंड पुलिस का यह दस्ता पिछले दिनों मानेसर स्थित एनसजी के ट्रेनिंग सेंटर में भी अपनी क्षमताओं का लोहा मनवा चुका है. वहां इस दस्ते को आतंकरोधी प्रदर्शन में पहला स्थान मिला था. अक्सर हरिद्वार और इसके आसपास महत्वपूर्ण स्थानों पर आतंकी घटनाओं की धमकी भी मिलती रही है. इसी के मद्देनजर कांवड़ मेले में महत्वपूर्ण स्थानों पर एटीएस कमांडो यानी गुलदार दस्ते को तैनात किया जाएगा.
22 महिला कमांडो को दिया गया था प्रशिक्षण: उत्तराखंड देश का चौथा राज्य है, जहां महिला कमांडो की फोर्स गठित की गई है. पिछले साल गुलदार दस्ते में शामिल 22 महिला पुलिसकर्मियों को कड़ा प्रशिक्षण दिया गया था. पुलिस लाइन में प्रदर्शन के दौरान इस दस्ते ने लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर कर दिया था.