देहरादूनःभारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत का एक्सीडेंट किस वजह से हुआ, इसको लेकर अब सरकार और एनएचएआई आमने-सामने आ गए हैं. जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त जो फौरन तौर पर खबर आई थी उसमें यही कहा गया था कि ऋषभ पंत ने नींद आने की वजह से यह हादसा होना बताया है. लेकिन इलाज होने के बाद ऋषभ पंत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हों या डीडीसीए के अधिकारी समेत दूसरे लोगों को बताया कि गड्ढे की वजह से उनके साथ हादसा हुआ. इसमें कोई दो राय भी नहीं है कि जहां पर यह हादसा हुआ है, वहां पर सड़क प्रॉपर वे में नहीं बनी हुई थी.
हादसे के दौरान पलक झपकते ही आग का गोला बनी थी ऋषभ की कार: क्रिकेटर ऋषभ पंत का जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त के जितने भी वीडियो सामने आए हैं, वो बता रहे हैं कि सड़क कितनी खतरनाक थी. इसमें कोई दो राय नहीं है कि गाड़ी की गति भी तेज होगी. तभी गाड़ी एक सड़क से दूसरी सड़क पर पहुंच गई. चंद मिनटों में ही कार आग के गोले में तब्दील हो गई. लेकिन सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि जो ऋषभ पंत दिल्ली से रुड़की तक सफर करते हुए सही सलामत आ जाते हैं, उनका उसी जगह पर क्यों एक्सीडेंट होता है, जहां पर पहले भी कई गाड़ियां दुर्घटना का शिकार हो चुकी हैं.
गड्ढों को बताया गया हादसे का कारण: ईटीवी भारत भी मौके पर पहुंच कर उस लापरवाही को दिख चुका है कि किस तरह से नेशनल हाईवे के बीचों बीच एक बड़ा मिट्टी का टीला या यह कहें नहर को जस के तस हालात में छोड़ा गया है. हादसे के बाद एनएचआई के अधिकारी मौके पर पहुंचकर रिफ्लेक्टर लगाने का काम कर रहे थे. उधर, ऋषभ पंत से मुलाकात के बाद सीएम धामी ने भी इस हादसे को गड्ढों की वजह से होना बताया था. मुख्यमंत्री धामी का साफतौर पर कहना है कि हादसा नेशनल हाईवे पर जो गड्ढे और सड़क में खामियां थी उसकी वजह से हुआ है.
इतना ही नहीं दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के अध्यक्ष श्याम शर्मा के मुताबिक, ऋषभ पंत ने इस हादसे का कारण सड़क पर गड्ढा होना ही बताया. अब सवाल ये खड़ा होता है कि दिल्ली हरिद्वार नेशनल हाईवे पर इस तरह के खतरनाक गड्ढों को और सड़क के बीचों बीच नहर को अब तक क्यों दुरुस्त नहीं किया गया? इससे पहले भी कई सड़क हादसे इसी जगह पर हो चुके हैं.
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कुछ मीटर की दूरी पर है ब्लैक स्पॉटःजानकारी के मुताबिक, जिस जगह यह हादसा हुआ है. उससे कुछ मीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने एक ब्लैक स्पॉट निर्धारित किया हुआ है, जबकि इस जगह को ब्लैक स्पॉट के लिस्ट में आज तक नहीं डाला गया है. स्थानीय ग्रामीण लगातार इस नहर को शिफ्ट करने और नेशनल हाईवे को ठीक करने के लिए धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन 8 साल बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस हैं. इससे साफ है कि अगर इस सड़क को जल्द दुरुस्त नहीं किया गया तो आने वाले समय में हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता.