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चमोली आपदा : सातवें दिन भी बचाव अभियान जारी, 38 शव बरामद

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Published : Feb 13, 2021, 6:41 AM IST

Updated : Feb 13, 2021, 8:57 AM IST

बचाव अभियान जारी
बचाव अभियान जारी

08:56 February 13

08:56 February 13

आईटीबीपी और वायुसेना की टीम ऑपरेशन में जुटीं

तपोवन टनल में फंसे लोगों के लिए राहत बचाव कार्य जारी है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जिला प्रशासन की देखरेख में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और वायुसेना की टीम ऑपरेशन में लगी हुई है. 

07:58 February 13

बचाव कार्य में मदद के लिए ड्रोन तैनात

चेन्नई के गरुड़ एयरोस्पेस ने आपदा प्रभावित चमोली में राहत और बचाव कार्य में मदद करने के लिए तैनात किए ड्रोन.

07:15 February 13

टनल में एसडीआरएफ टीम का रेस्क्यू कार्य

टनल में एसडीआरएफ टीम का रेस्क्यू

सडीआरएफ की टीम ने टनल में पहुंचकर रेस्क्यू कार्य शुरू किया.

07:15 February 13

जोशीमठ हादसे में राहत बचाव को आज सात दिन हो चुके हैं, रेस्क्सूय कार्य अभी जारी है. राहत बचाव कार्यों में जुटी एजेंसियों ने अब तक 38 शव बरामद कर लिया है. इस दौरान 10 शवों की शिनाख्त भी हो चुकी है. एजेंसियां अन्य शवों के शिनाख्त में भी जुटी हुई है. वहीं, तपोवन टनल में भी राहत बचाव कार्य लगातार जारी है. 

06:26 February 13

बचाव अभियान जारी

तपोवन : उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदाग्रस्त क्षेत्र से दो और शव बरामद होने के साथ मरने वालों की संख्या 38 तक पहुंच गयी जबकि गाद और मलबे से भरी तपोवन सुरंग में फंसे 25-35 लोगों के जीवित होने की क्षीण होती जा रही संभावनाओं के बीच उन्हें ढूंढने के लिए छठे दिन भी बचाव अभियान जारी रहा.

चमोली जिला प्रशासन के अधिकारियों ने यहां बताया कि एक शव रैंणी में आपदा में पूरी तरह से तबाह हो गए ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना के मलबे से बरामद हुआ जबकि दूसरा शव मैठांणा से मिला. इसके अलावा, 166 अन्य लोग अभी लापता हैं.

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून में कहा कि सुरंग में गाद और मलबे को साफ करने तथा छोटी सुरंग तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग कार्य साथ—साथ चल रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि छोटी सुरंग में लोग फंसे हो सकते हैं.

कुमार ने  बताया, आपदा आए छह दिन हो चुका है लेकिन हमने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है और हम ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां बचाने के लिए सभी मुमकिन प्रयास करेंगे.

इस बीच, तपोवन में अधिकारियों ने कहा कि 114 मीटर तक गाद और मलबा साफ किया जा चुका है और सिल्ट फलशिंग टनल (एसएफटी) तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग कार्य किया जा रहा है जहां लोगों के फंसे होने की संभावना जताई जा रही है.

इस बीच, सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों ने तपोवन में परियोजना स्थल के पास सही तरीके से राहत एवं बचाव किए जाने की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया और सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ नारेबाजी की.

तपोवन की देवेश्वरी देवी ने कहा कि एनटीपीसी की यह परियोजना हमारे लिए अभिशाप साबित हुर्ह है. उन्होंने कहा, ‘‘पहले हमारे खेत गए और अब गांव के लोगों की जान चली गई. आज छठवें दिन भी 200 मीटर सुरंग से मलबा नहीं हट पाया है.

मौके पर सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस के संयुक्त दल द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है.

इस बीच, रैंणी क्षेत्र में लापता लोगों की तलाश के लिए जिला प्रशासन ने ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता और तहसीलदार के नेतृत्व मे अलग से एक टीम बनाई गई है जो फोटो के आधार पर स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें ढूंढेगी.

सात फरवरी को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन—विष्णुगाड परियोजना को काफी क्षति पहुंची और उसकी सुरंग में काम कर रहे लोग वहां फंस गए.

उत्तराखंड आपदा: लापता कश्मीरी इंजीनियर का शव मिला

उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद लापता हुए एक कश्मीरी इंजीनियर का शव शुक्रवार को बरामद किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि शहर के सौरा क्षेत्र के निवासी बशारत अहमद जरगर का शव ऋषि गंगा विद्युत परियोजना के पास बरामद किया गया, जहां वह काम कर रहे थे.

अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड में मौजूद उनके परिजनों ने शव को दफनाने के लिए यहां लाने की इच्छा जताई है.

Last Updated : Feb 13, 2021, 8:57 AM IST

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