देहरादून:कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat lost election) उत्तराखंड विधासनभा चुनाव 2022 में भी अपनी साख बचाने में कामयाब नहीं हो पाए. रावत को नैनीताल जिले की लालकुआं विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा है. भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट ने रावत को 14 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी. हरीश रावत ने 14 फरवरी को मतदान के बाद खुद को सीएम तक घोषित कर दिया था.
लालकुआं से अपनी हार स्वीकार करते हुए हरीश रावत ने क्षेत्र की जनता से क्षमा मांगी. उन्होंने ट्वीट किया, लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से मेरी चुनावी पराजय की औपचारिक घोषणा ही बाकी है. मैं लालकुआं क्षेत्र के लोगों से जिनमें बिंदुखत्ता, बरेली रोड के सभी क्षेत्र सम्मिलित हैं, क्षमा चाहता हूं कि मैं उनका विश्वास अर्जित नहीं कर पाया और जो चुनावी वादे उनसे मैंने किये, उनको पूरा करने का मैंने अवसर गंवा दिया है. उन्होंने मुझसे श्रेष्ठ उम्मीदवार को अपना प्रतिनिधि चुना है उनको और उनके द्वारा चयनित उम्मीदवार को मेरी ओर से बहुत-बहुत बधाई और आगे के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं.
बता दें कि इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में भी हरीश रावत मुख्यमंत्री रहते हुए दो सीटों से चुनाव हार गए थे. 2017 में हरीश रावत ने उधमसिंह नगर की किच्छा विधानसभा सीट और हरिद्वार जिले की ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. इस बार भी कांग्रेस हाईकमान ने पहले उन्हें नैनीताल जिले की रामनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया था. लेकिन जैसे ही वहां हंगामा हुआ तो हाईकमान में उन्हें रामनगर की जगह लालकुआं से टिकट दे दिया.
हरीश रावत सवा दो साल तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं. इससे पहले वह केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री भी रहे. हरिद्वार से सांसद भी रह चुके हैं. इसके बावजूद 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत को हार का सामना करना पड़ा. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी हरीश रावत बीजेपी के अजय भट्ट से नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से हार गए थे.