देहरादून: शुद्ध आबोहवा, पर्वतों की ऊंची चोटियां, बहते झरने, चिड़ियों की चहचहाहट और बिना गरजे अचानक बादलों का बरस जाना. हर शख्स देवभूमि उत्तराखंड के इन अद्भुत नजारों का दीदार करना चाहता है. लेकिन, कुछ लोगों को यह सब देखना नसीब होता है और कुछ लोग इसे देखने की चाहत में असमय काल के गाल में समा जाते हैं. ऐसी ही हसरत लिए मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के 30 लोग उत्तराखंड आए हुए थे. लेकिन, एक एक्सीडेंट ने 26 लोगों को मौत की नींद सुला दिया. इन लोगों के लिए उत्तराखंड के अद्भुत नजारों का दीदार करना महज एक सपना बनकर रह गया.
दरअसल, उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में रविवार को डामटा के पास एक बस गहरी खाई में गिर गई. इस हादसे में बस में सवार कुल 26 लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में 25 लोग मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के तीर्थ यात्रियों की बस ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 94 पर डामटा से दो किलोमीटर आगे रिखावू खड्ड में गिर गई. दुर्घटना के समय श्रद्धालु यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए जा रहे थे.
दो महीने नहीं सोते हैं ड्राइवर:उत्तराखंड में मई और जून दो महीने ऐसे होते हैं, जब ड्राइवरों को नींद नसीब नहीं होती है. वह दिन-रात सड़कों पर यात्रियोंं को एक जगह से दूसरी जगह छोड़ने में व्यस्त रहते हैं. क्योंकि चारधाम यात्रा की वजह से इन दो महीनों में लाखों की संख्या में सैलानी देश के अलग-अलग हिस्सों से उत्तराखंड पहुंचते हैं. ऐसे में ड्राइवर अधिक पैसा कमाने के चक्कर में अपनी नींद से समझौता करते हैं और अधिक से अधिक यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह छोड़ने के चक्कर में हादसों का शिकार हो जाते हैं.
4 मई के हादसे ने झकझोर दिया:रविवार को यमुनोत्री हाईवे पर हुए बस हादसे ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया है. इसके साथ ही 2017 को गंगोत्री हाईवे पर हुई बस दुर्घटना की यादें ताजा कर दी. 21 मई 2017 को नालुपानी के समीप हुए बस हादसे में 30 लोगों की जान गई थी. मृतकों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उनके शवों को चिन्यालीसौड़ सीएचसी में रखने की जगह तक नहीं मिली थी. तब भी दुर्भाग्य से तीर्थयात्री मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और तत्कालीन सरकार भी हादसे को लेकर ठोस कारण ढूंढ नहीं सकी थी.
लैंड स्लाइड जोन में हुआ हादसा: उत्तरकाशी के डामटा से राणाचट्टी तक लैंड स्लाइड जोन है. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, मई महीने के मध्य में लैंड स्लाइड के कारण यह रास्ता कुछ दिनों तक बंद था. बारिश के कारण इस रूट पर सिर्फ छोटे वाहनों को जाने की इजाजत थी. लेकिन, कुछ समय पहले ही बड़े वाहनों को रूट पर जाने की इजाजत मिली थी. आप कमोबेश इन सारे हादसों में पैटर्न देख सकते हैं. सब कुछ सामान्य चल रहा होता है और फिर पल भर में सब उलट-पलट हो जाता है. सब कुछ इतनी जल्दी हो जाता है, कि क्या हुआ, कैसे हुआ, कई बार हादसे के शिकार को याद ही नहीं होता.
खाई में कैसे गिरी तीर्थयात्रियों से भरी बस? स्थानीय लोगों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, रिखाड़ू खड्ड के पास जिस जगह पर यह बस दुर्घटनाग्रस्त हुई, वहां सड़क काफी चौड़ी है. ऐसे में वाहन यहां पर तेज रफ्तार से चला करती है. उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों से भरी यह बस भी तेज गति में थी. इसी दौरान सामने से आ रहे वाहन को पास देते समय चालक बस पर नियंत्रण खो बैठा. बस की रफ्तार काफी तेज होने के बाद वह सड़क से बाहर निकलकर गहरी खाई में जा गिरी.
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भीषण हादसों में चंपावत नंबर वन:उत्तराखंड में भीषण सड़क हादसों में चंपावत नंबर वन पर है. इस साल पांच माह में यहां पांच भीषण हादसे हुए हैं. इसमें 26 लोगों की जान गई. जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए हैं. वहीं उत्तरकाशी तीन हादसों के साथ दूसरे नंबर पर है. यातायात निदेशालय ने उत्तरकाशी के डामटा में हुए भीषण हादसों के बाद ये आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार पौड़ी में भी अभी तक दो भीषण हादसों में दस लोगों की मौत हुई है, जबकि 19 लोग घायल हुए हैं.
वहीं टिहरी में दो भीषण हादसों में सात लोगों की मौत हुई है. अल्मोड़ा में एक हादसे में तीन और उधमसिंहनगर में सड़क हादसों में दो लोगों की मौत हुई है. ज्यादातर हादसे मैक्स या कार जैसे छोटे वाहनों से हुए, जबकि बस और ट्रक से तीन हादसे ही हुए हैं.