नई दिल्ली/ देहरादून :उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे विधायक संजीव आर्य ने आज दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए. इस दौरान कांग्रेस नेता हरीश रावत और केसी वेणुगोपाल उपस्थित रहे. यशपाल आर्य के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उन्होंने (यशपाल) उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है.
इस अवसर पर यशपाल ने कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए नि:स्वार्थ भाव से काम करेंगे. उन्होंने कहा, 'यदि कांग्रेस मजबूत बनकर उभरती है, तो लोकतंत्र और मजबूत होगा.'
यशपाल ने कहा कि उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन कांग्रेस में शुरू किया था और वह अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के दो बार अध्यक्ष और इसके बाद उत्तराखंड की पहली विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं. यशपाल छह बार विधायक चुने गए हैं. इनमें दो बार वह उत्तर प्रदेश में विधायक थे, जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का हिस्सा था.
सुरजेवाला ने यशपाल का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि यशपाल ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों के उत्थान में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने बताया कि यशपाल ने अपना इस्तीफा राज्य के राज्यपाल को सौंप दिया है.
यशपाल के पुत्र संजीव आर्य उत्तराखंड की नैनीताल विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने अपनी विधायक सीट से भी इस्तीफा दे दिया है. वह राज्य में सहकारिता क्षेत्र से जुड़े हैं.
वहीं इस मौके पर AICC के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस में आना उन दोनों (यशपाल और उनके पुत्र संजीव) के लिए घर वापसी है. उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की और कहा कि वह अपने पुराने परिवार में लौटकर खुश हैं.
उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस पार्टी के लिए सर्वाधिक खुशी के पलों में से एक है क्योंकि यशपाल आर्य और संजीव आर्य ने उत्तराखंड में चुनाव आने का स्पष्ट संकेत देते हुए कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है.... उत्तराखंड में हवा का रुख कांग्रेस के पक्ष में है.'
वेणुगोपाल ने बताया कि राहुल गांधी ने यशपाल और संजीव से कहा कि कांग्रेस में उनकी वापसी से पार्टी निश्चित ही मजबूत होगी.
बीजेपी में दो कांग्रेसी व एक निर्दलीय MLA हुए शामिल:उत्तराखंड में पिछले कुछ महीनों से दल-बदल का खेल चरम है. गढ़वाल मंडल से कांग्रेस विधायक राजकुमार व प्रीतम सिंह पवार के बाद कुमाऊं मंडल से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने भाजपा का दामन थाम लिया है. भाजपा जहां तमाम विधायकों को अपने पाले में कर राज्य में सियासी माहौल को अपने पक्ष में करने में जुटी है. वहीं कांग्रेस ने भी अंदरूनी स्तर पर भाजपा के बड़े नेताओं को अपने पाले में करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. राज्य के इस तरह के सियासी हालात से आने वाले समय में चुनाव बेहद दिलचस्प हो जाएंगे.
कांग्रेस 9 बागी विधायकों ने धामा था बीजेपी का दामन:साल 2017 विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा समेत कांग्रेस के 9 बागी विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था. ऐसे में उत्तराखंड बीजेपी में 2022 चुनाव से पहले चल रही सियासी उथल-पुथल के बाद उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और एक विधायक घर वापसी कर सकते हैं.
माना जा रहा है कि भाजपा के कुछ और बड़े चेहरे जल्द ही पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. जानिए कौन से हैं वह चेहरे जो भाजपा की सबसे कमजोर कड़ियों में गिने जा रहे हैं.
सतपाल महाराज: भाजपा की कमजोर कड़ियों में सबसे पहला नाम सतपाल महाराज का है, जो कांग्रेस से भाजपा में आए थे. समय-समय पर उनका नाम पार्टी से नाराजगी और पार्टी छोड़ने को लेकर चर्चाओं में रहा है.