पन्ना।मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के मूल निवासी राजेंद्र सिंह राजपूत को अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि उनके पिता जो परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे, उत्तराखंड में चार धाम तीर्थयात्रा के दौरान बस दुर्घटना में मारे गए. राजपूत सदमे में हैं. वह नहीं जानते कि उनका परिवार इससे कैसे उबरेगा. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रविवार को हुए बस हादसे में अपने पिता को खो देने वाले दो भाई-बहनों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. एक रामलीला कलाकार, जो यहां के एक गांव में अपने प्रदर्शन से भारी भीड़ को आकर्षित करते थे. उनकी भी दुर्घटना में मौत हो गई. उनके प्रशंसक दुखी हैं. बता दें कि एमपी के पन्ना जिले से तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस रविवार को उत्तरकाशी में यमुनोत्री मंदिर के रास्ते में रिखावु खड्ड के पास गहरी खाई में गिर जाने से 26 लोगों की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए. बस में ड्राइवर और हेल्पर के अलावा 28 यात्री सवार थे.
हादसे में बचे एक शख्स ने रिसीव किया कॉल :पन्ना के संतबुद्ध सिंह गांव के रहने वाले राजेंद्र राजपूत ने बताया कि उन्होंने रविवार सुबह करीब 11 बजे अपने पिता से फोन पर बात की, जो तीर्थ यात्रा पर गए थे. वे सभी खुश थे और यमुनोत्री के रास्ते में थे, लेकिन, जब मैंने अपने पिता को उनके स्थान के बारे में जानने के लिए शाम 5 बजे फिर से फोन किया तो कॉल रिसीव नहीं हुआ. मैंने चार-पांच बार कोशिश की और जब किसी ने जवाब नहीं दिया तो मैं चिंतित हो गया. बाद में, जब फिर से अपने पिता के नंबर की कोशिश की तो उदय सिंह ठाकुर (दुर्घटना में जीवित बचे) ने फोन उठाया और बताया कि उनकी बस एक गहरी खाई में गिर गई है.ठाकुर ने बताया कि वह खाई में गिरने से पहले बस से उछलकर गिर गया था. ठाकुर ने मुझे यह भी बताया कि मेरे पिता का फोन उनके पास था. सब कुछ खत्म हो गया. राजपूत ने दबी आवाज में कहा. इसके बाद राजपूत ने इस दुखद खबर की पुष्टि करने के लिए पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा को फोन किया.