देहरादून:उत्तर प्रदेश में इनदिनों ब्राह्मणों पर सियासी घमासान जारी है. बहुजन समाज पार्टी से शुरू हुई यह राजनीति अब प्रदेश के हर दल का केंद्र बिंदु बन गई है. उत्तराखंड में भी भाजपा से कुछ ऐसी चर्चाएं सामने आई हैं जो ब्राह्मण जाति को साधने से जुड़ी है. दरअसल, खबर है कि भाजपा पहाड़ के किसी ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपना चाहती है. लिहाजा प्रदेश की राजनीति में गढ़वाल क्षेत्र से ब्राह्मण चेहरे को लेकर कयास बाजी शुरू हो गई है.
अध्यक्ष पद के लिए गढ़वाल ब्राह्मण चेहरा
राजनीतिक दलों के लिए जातीय और क्षेत्रीय समीकरण हमेशा से ही बेहद अहम रहे हैं. उत्तराखंड राज्य स्थापना के बाद साल 2000 से शुरू हुआ राजनीति सफर भी क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों के इर्द-गिर्द ही दिखाई दिया है. राजनीतिक दल गढ़वाल और कुमाऊं को काटने के साथ ही ठाकुर और ब्राह्मणों को वोट बैंक बनाने के लिए नए-नए प्रयोग करते रहे हैं. फिलहाल, चर्चा उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर है. खबर है कि भाजपा प्रदेश में गढ़वाल के ब्राह्मण चेहरे को अध्यक्ष पद पर लाने का प्रयास कर रही है.
फिलहाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर एक ब्राह्मण चेहरा मदन कौशिक के रूप में मौजूद हैं. लेकिन मदन कौशिक हरिद्वार से ताल्लुक रखते हैं, जबकि भाजपा पहाड़ी जिलों से किसी ब्राह्मण चेहरे की तलाश में जुटी हुई है. दरअसल, गढ़वाल क्षेत्र से त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के लिए कुमाऊं से बंशीधर भगत को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी. उधर नेतृत्व परिवर्तन के बाद तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने और मदन कौशिक को मैदान से ब्राह्मण चेहरे के रूप में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली.
अब कुमाऊं से पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया है. जिसके बाद खबर है कि भाजपा पहाड़ से किसी ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है. हालांकि, भाजपा इन सभी चर्चाओं और आशंकाओं को खारिज कर रही है. साथ ही ब्राह्मणों को साधने की बात से भी साफ तौर पर इनकार कर रही है. इसे कांग्रेस द्वारा प्रचारित प्रसारित करने का आरोप भी भाजपा लगा रही है.
कांग्रेस की टीम से भाजपा में घबराहट
भाजपा के इन आरोपों से इतर कांग्रेस ने अपने अलग तर्क हैं. कांग्रेस का कहना है कि उनकी कार्यकारिणी के गठन होने के बाद जिस तरह कुमाऊं से हरीश रावत और गढ़वाल से प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर एक पहाड़ के ब्राह्मण गणेश गोदियाल को जिम्मेदारी दी गई है उसके बाद भाजपा में घबराहट पैदा हो गई है. इसीलिए भाजपा गढ़वाल के ब्राह्मण चेहरे की तलाश कर रही है, ताकि गढ़वाल में ब्राह्मण जाति को भी साधा जा सके.
मदन कौशिक एडजस्ट करना बड़ी चुनौती
प्रदेश में मदन कौशिक को हटाकर पहाड़ के किसी ब्राह्मण चेहरे को लाने की स्थिति में पार्टी को किसी कद्दावर नेता की जरूरत होगी. चुनाव के दौरान कोई निष्क्रिय चेहरा पार्टी के लिए मुसीबत बन सकता है. यूं तो बदरीनाथ से विधायक महेंद्र भट्ट का नाम प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सबसे ज्यादा लिया जा रहा है. मगर राजनीतिक रूप से देखें तो महेंद्र भट्ट न तो भाजपा में बड़ा अनुभवी चेहरा हैं और न ही उनके पास अब तक कोई बड़ी जिम्मेदारी रही है.
खास बात यह भी है कि मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद उन्हें दूसरी जगह एडजस्ट करना होगा. ऐसे में एक बार फिर उन्हें कैबिनेट में भेजने का विकल्प हो सकता है. मगर मुश्किल यह है कि इस बार सरकार में एक भी मंत्री पद खाली नहीं है. लिहाजा या तो किसी मंत्री से इस्तीफा दिलवाना होगा या फिर मंत्रिमंडल में से ही किसी ब्राह्मण चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर लाना होगा.