फर्रुखाबाद : फर्रुखाबाद जिला जेल में साथी कैदी की मौत की सूचना के बाद आक्रोशित कैदियों ने उपद्रव मचाते हुए जेल परिसर में जमकर तोड़फोड़ की. इस दौरान आगजनी की घटना भी सामने आई. वहीं, धुआं उठते देख अलार्म बजने के बाद कैदियों को काबू में करने को दौड़े पुलिसकर्मियों पर कैदियों ने पथराव किया.
वहीं, देखते ही देखते मेन गेट पर भी कैदियों ने कब्जा कर लिया. साथ ही डिप्टी जेलर शैलेश सोनकर के साथ मारपीट की घटना सामने आई है. बताया गया है कि जेलर अखिलेश कुमार का सरकारी मोबाइल मौके पर छूट गया था. सूचना है कि कैदी जेलर के मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं.
वहीं, जेल अधीक्षक के ऊपर कैदियों पर फायरिंग करने का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि उनके फायरिंग में गोली लगने से तीन कैदी घायल हो गए हैं. साथ ही इस घटना में 30 सिपाही जख्मी हो गए. बताया जा रहा है कि कैदियों के लगातार पथराव के बीच आने से ये सभी सिपाही चोटिल हुए हैं. पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा ने बताया कि जेल में हालात काबू में हैं.
कई बार यहां हो चुके हैं ऐसे बवाल
हालांकि, यह जेल में कैदियों के उपद्रव से संबंधित कोई पहला मौका नहीं है. इससे पहले भी यहां ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. गौरतलब है कि इसी जिला जेल में 18 मई, 2014 को भी कैदियों के कब्जे की घटना सामने आई थी. बंदी राजेंद्र की मौत के लिए जेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कैदियों ने जिला जेल में बवाल मचाया था. कैदियों ने हंगामा कर आगजनी और तोड़फोड़ की थी.
साथ ही जेल पर पूरी तरह से कब्जा कर जेल प्रशासन को असहाय कर दिया था. हालात यह थे कि भीतर कैदी हंगामा कर रहे थे तो बाहर मृत कैदी के परिजन प्रदर्शन पर बैठ गए थे. इसके बाद 2 अगस्त, 2015 को भी इसी जेल में तलाशी के विरोध में कैदियों ने बंदी रक्षकों पर पथराव किया था. पर तुरंत कार्रवाई करने पर मामला बढ़ने से पहले ही नियंत्रित कर लिया गया था.
इन जेलों में भी कैदियों ने किया था कब्जा
जौनपुर जेल में भी कैदियों ने कर लिया था कब्जा
इसी साल जून माह में जौनपुर जेल में भी कुछ इसी तरह के मामला सामने आया था. यहां कैदियों ने जमकर उत्पात मचाते हुए जेल के अंदर आगजनी की थी, लेकिन हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे गए थे. बावजूद इसके उत्पात लगातार पांच घंटों तक चला था.
इससे पहले 2016 में जौनपुर जिला जेल में महिला बंदीरक्षक के साथ छेड़छाड़ की बात पर जेल प्रशासन ने लाठीचार्ज किया था. जिसमें एक कैदी श्यामा यादव की मौत हो गई थी. इस मामले में जेलर सहित दर्जन भर बंदीरक्षकों के खिलाफ मृतक के परिवारवालों ने हत्या का केस दर्ज कराया था. इस दौरान भी उक्त घटना को लेकर जेल परिसर में कैदियों ने जमकर हंगामा काटा था.