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यूपी में जिला स्तर पर कराई जाएगी जीनोम सीक्वेंसिंग जांच, नए वैरिएंट को लेकर गाइडलाइन जारी

यूपी सरकार ने जेएन 1 को लेकर नई गाइडलाइन जारी (Genome sequencing test) कर दी है. गाइडलाइन में कहा गया कि हाल ही में कुछ राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश केरल में कोविड-19 के केसेज की संख्या में वृद्धि हुई है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 22, 2023, 9:53 PM IST

Updated : Dec 23, 2023, 6:26 AM IST

लखनऊ : देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस का नया वेरिएंट आ गया है. अब तक केरल में इससे पांच मौतें हो चुकी हैं. इसको लेकर प्रदेश सरकार ने बीते दिन अलर्ट जारी किया था, वहीं कोविड के नए वेरिएंट को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को जेएन.1 को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. इस गाइडलाइन में साफ तौर पर कहा गया है कि प्रदेश में जिला स्तर पर जीनोम सीक्वेंसिंग जांच कराई जाएगी. गाइडलाइन में कहा गया कि हाल ही में कुछ राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश केरल में कोविड-19 के केसेज की संख्या में वृद्धि हुई है. इस वायरस के नवीनतम स्ट्रेन जेएन.1 (BA.2.86.1.1) का पहला मरीज देश में पता लगा है. इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किया गया है.



गाइडलाइन जारी

गाइडलाइन में जारी दिशा निर्देश :विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मई 2023 में कोविड-19 के संक्रमण दर की लगातार गिरावट और बीते वर्षों में हुए व्यापक टीकाकरण के तहत कोविड-19 को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी का इंटरनेशनल कंसर्न (Public Health Emergency of International Concern) की श्रेणी से हटा दिया गया है. साथ ही प्रदेश सरकारों एवं केंद्र सरकार के बीच लगातार सहयोग और पर्यवेक्षण के कारण देश और प्रदेश में कोविड-19 की संक्रमण दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की गई है, लेकिन कोविड-19 वायरस अन्य सामान्यत प्रसारित कारकों की तरह देश के पर्यावरण एवं जलवायु के साथ तेजी से फैल रहा है. इसके तहत इन परिस्थितियों में कोविड-19 के संचरण की स्थिति पर जनपद स्तर तक सतत निगरानी रखा जाना आवश्यक है.


नमूनों की कराई जाए जीनोम सिक्वेंसिंग : गाइडलाइन में कहा गया है कि आगामी त्योहारों की अवधि में कोविड-19 को नियंत्रित किये जाने के लिए चिकित्सालयों में उपचार के लिए आने वाली खांसी, जुखाम, बुखार इत्यादि रोगियों को श्वसन सम्बन्धी शिष्टाचार (Respiratory Hygeine) के अनुपालन के लिए प्रेरित किया जाए. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कोविड-19 वायरस के सतत् सर्विलांस के तहत ऑपरेशन गाइड लाइंस एवं संशोधित सर्विलांस रणनीति के निम्न अवयवों पर सभी जनपदों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही हेल्थ फैसिलिटी और प्रयोगशाला आधारित सेंटीनल सर्विलांस चिकित्सालयों में भर्ती होने वाले इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (ILI) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (SARI) मरीजों का अनिवार्य रूप से कोविड-19 के लिए आरटीपीसीआर विधि द्वारा जांच और प्रयोगशाला में कोविड पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों के विषय में जानकारी को सभी स्टेक होल्डर्स के साथ साझा करते हुए इनके नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए.

गाइडलाइन जारी

फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित किया जाए :समुदाय में इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (ILI) के रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि या ऐसे मरीजों का क्लस्टर पाए जाने की स्थिति में तत्काल जिला मुख्यालय में सूचना दिए जाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित किया जाए. साथ ही ऐसे मरीजों के कुछ प्रतिशत नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की जाए. प्रयोगशाला में आरटीपीसीआर विधि द्वारा कोविड धनात्मक पाये जाने वाले मरीजों के नमूनों की INSACOG द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला (Department of Microbiology, KGMU, Lucknow) के माध्यम से व्होल जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए.

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Last Updated : Dec 23, 2023, 6:26 AM IST

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