लखनऊ : उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसे सरकारी वाहनों के स्क्रेप करने पर बेहतर काम का भारत सरकार की तरफ से इनाम मिला है. उत्तर प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा सरकारी वाहन स्क्रैप किए गए हैं. सरकार की तरफ से जो तीन माइलस्टोन निर्धारित किए गए थे उन पर उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में सबसे बेहतर साबित हुआ है. यही वजह है कि भारत सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को डेढ़ सौ करोड़ रुपए का इंसेंटिव भी दिया गया है. एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर राजीव कुमार का कहना है कि 'कुल 5000 सरकारी वाहनों को 2024 तक स्क्रैप करना है और इस मामले में उत्तर प्रदेश अभी तक सबसे बेहतर है और आगे भी रहेगा.'
भारत सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी लागू की है. इसके तहत 15 साल से ऊपर किसी भी कीमत पर सरकारी वाहन संचालित नहीं हो पाएंगे. उनका रीरजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा, बल्कि ऐसे वाहनों को कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा. भारत सरकार की तरफ से सभी राज्यों को जल्द से जल्द ऐसे 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने का टास्क दिया गया था. उत्तर प्रदेश ने इस टास्क को सबसे पहले पूरा किया है. भारत सरकार की तरफ से तीन माइल स्टोन तय किए गए थे, जिन पर उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में खरा उतरा है. यही वजह है कि भारत सरकार की तरफ से डेढ़ सौ करोड़ रुपए का इंसेंटिव पाने वाला सबसे पहला राज्य बन गया है. उत्तर प्रदेश में हजारों ऐसे सरकारी वाहन कबाड़ घोषित किए हैं, जिनको हर हाल में 2024 तक स्क्रैप करना है. इसकी तैयारी विभाग की तरफ से कर ली गई है.