वाराणसी/बरेली : उत्तर प्रदेश में ईवीएम बदलने के मामले को लेकर जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में अपर जिलाधिकारी नलिनी कांत सिंह को निर्वाचन कार्यों से अवमुक्त कर दिया गया है. नलिनी कांत सिंह को ईवीएम का नोडल प्रभारी बनाया गया था. कौशल राज शर्मा ने बताया कि ईवीएम प्रभारी अपर जिलाधिकारी नलिनी कांत सिंह को ईवीएम परिवहन में लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से निर्वाचन कार्य से हटा दिया (ADM Nalini Kant Singh relieved from election work) गया है.
अपर जिलाधिकारी नलिनी कांत सिंह की जगह पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को ईवीएम प्रभारी बनाया गया है. उन्होंने आगे बताया कि नलिनी कांत सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारी और उप जिला निर्वाचन अधिकारी को बगैर सूचित किये वेयरहाउस से ईवीएम निकलवाए थे. इसके कारण उन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.
चुनाव आयोग ने एडीएम के खिलाफ कार्रवाई का दिया आदेश
अब चुनाव आयोग ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी को वाराणसी के एडीएम एनके सिंह के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है, जिन पर ईवीएम के परिवहन में नियमों के उल्लंघन पर आरोप लगाया गया है. चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि एडीएम की ओर से चूक यह रही थी कि उन्होंने राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को मूवमेंट के बारे में सूचित नहीं किया था.
दरअसल चुनाव आयोग ने माना है कि ईवीएम के ट्रांसपोर्टेशन में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया और नोडल अधिकारी की ओर से लापरवाही कई गई है. इसके बाद चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई की है. हालांकि, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि इन मशीनों को विशेष रूप से केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए निर्धारित और अलग किया गया था और इनका मतदान ईवीएम से कोई संबंध नहीं है. चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि यह दोहराया जाता है कि तीन स्तरीय सुरक्षित स्ट्रांग रूम से कोई भी मतदान मशीन नहीं निकाली जा सकती है.