नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक महिला पत्रकार ने भारत में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले कथित भेदभाव को लेकर सवाल पूछा था. इस सवाल का जवाब पीएम मोदी ने जिस तरीके से दिया, सभी ने उनकी तारीफ की. वहीं, सोशल मीडिया पर उस महिला पत्रकार को ट्रोल का भी शिकार होना पड़ा. इस पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है.
महिला पत्रकार का नाम सबरीना सिद्दीकी है. वह वॉशिंगटन में रहती हैं. सबरीना का सवाल भारत में मुस्लिमों के साथ होने वाले कथित भेदभाव और ह्युमन राइट्स से संबंधित था. पीएम मोदी ने इस सवाल का क्या जवाब दिया, इससे पहले पूरे मामले पर अमेरिकी व्हाइट हाउस की क्या प्रतिक्रिया रही, पहले उसे जान लेते हैं.
ऑनलाइन ट्रोलिंग पर अमेरिका की प्रतिक्रिया- ऑनलाइन ट्रोलिंग को लेकर एनबीसी की एक रिपोर्टर केली ओडोनल ने सोमवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी से सवाल पूछा. प्रेस सेक्रेटरी जॉन किर्बी ने कहा कि हमें भी इस ट्रोलिंग या प्रोसेक्यूशन की जानकारी है. हम इसकी निंदा करते हैं और यह किसी भी स्वरूप में अस्वीकार्य है. किर्बी ने कहा कि यह किसी भी तरीके से डेमोक्रेसी के सिद्धान्तों से मेल नहीं खाता है.
प्रेस सेक्रेटरी ने कहा, "इस पर और अधिक जवाब चाहिए तो आप लोगों को पीएम से पूछना चाहिए, या फिर आप लोग लिखने के लिए स्वतंत्र हैं, मैं इस मुद्दे पर और अधिक कुछ भी नहीं कहना चाहूंगी."
दरअसल, ओडोनल ने कहा था, "उनकी साथी पत्रकार को ऑनलाइन प्रताड़ित किया जा रहा है. प्रताड़ित करने वालों में कुछ पीएम मोदी के समर्थक हैं." ओडोनल ने यह भी कहा कि क्योंकि सबरीना मुस्लिम हैं, इसलिए उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है.
पीएम मोदी ने दिया था ऐसा जवाब - अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ पीएम मोदी के संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सबरीना ने सवाल पूछा था. पीएम मोदी ने इसका जवाब देते हुए कहा था, "मैं तो हैरान हूं, आप लोकतंत्र को लेकर सवाल पूछ रही हैं, क्योंकि डेमोक्रेसी तो हमारे डीएनए में है. भारत में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता है."
पीएम ने कहा, "डेमोक्रेसी भारत के रगो में हैं. हम लोकतंत्र को जीते हैं, हमारी सरकार लोकतंत्र के मूल्यों पर आधारित संविधान को लेकर चलती है. सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभों से हर कोई फायदा उठाता है, बशर्ते वे उस दायरे में आते हों. भारत में न तो धर्म, न ही जाति और न ही उम्र या ना फिर किसी अन्य आधार पर भेदभाव किया जाता है.