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US reacts on Sabrina : सबरीना सिद्दीकी के सवाल पर 'उबाल', जानें क्या है पूरा मामला - pm modi pc in usa sabrina

पाकिस्तानी अमेरिकी पत्रकार सबरीना सिद्दीकी के सवाल पर सोशल मीडिया में बवाल मचा हुआ है. मामला इतना अधिक बढ़ गया कि अमेरिका को आधिकारिक रूप से पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देनी पड़ी. पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान सबरीना सिद्दीकी ने भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे भेदभाव पर सवाल पूछे थे.

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पीएम मोदी, सबरीना

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Published : Jun 27, 2023, 2:32 PM IST

Updated : Jun 27, 2023, 5:08 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक महिला पत्रकार ने भारत में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले कथित भेदभाव को लेकर सवाल पूछा था. इस सवाल का जवाब पीएम मोदी ने जिस तरीके से दिया, सभी ने उनकी तारीफ की. वहीं, सोशल मीडिया पर उस महिला पत्रकार को ट्रोल का भी शिकार होना पड़ा. इस पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है.

महिला पत्रकार का नाम सबरीना सिद्दीकी है. वह वॉशिंगटन में रहती हैं. सबरीना का सवाल भारत में मुस्लिमों के साथ होने वाले कथित भेदभाव और ह्युमन राइट्स से संबंधित था. पीएम मोदी ने इस सवाल का क्या जवाब दिया, इससे पहले पूरे मामले पर अमेरिकी व्हाइट हाउस की क्या प्रतिक्रिया रही, पहले उसे जान लेते हैं.

ऑनलाइन ट्रोलिंग पर अमेरिका की प्रतिक्रिया- ऑनलाइन ट्रोलिंग को लेकर एनबीसी की एक रिपोर्टर केली ओडोनल ने सोमवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी से सवाल पूछा. प्रेस सेक्रेटरी जॉन किर्बी ने कहा कि हमें भी इस ट्रोलिंग या प्रोसेक्यूशन की जानकारी है. हम इसकी निंदा करते हैं और यह किसी भी स्वरूप में अस्वीकार्य है. किर्बी ने कहा कि यह किसी भी तरीके से डेमोक्रेसी के सिद्धान्तों से मेल नहीं खाता है.

प्रेस सेक्रेटरी ने कहा, "इस पर और अधिक जवाब चाहिए तो आप लोगों को पीएम से पूछना चाहिए, या फिर आप लोग लिखने के लिए स्वतंत्र हैं, मैं इस मुद्दे पर और अधिक कुछ भी नहीं कहना चाहूंगी."

दरअसल, ओडोनल ने कहा था, "उनकी साथी पत्रकार को ऑनलाइन प्रताड़ित किया जा रहा है. प्रताड़ित करने वालों में कुछ पीएम मोदी के समर्थक हैं." ओडोनल ने यह भी कहा कि क्योंकि सबरीना मुस्लिम हैं, इसलिए उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है.

पीएम मोदी ने दिया था ऐसा जवाब - अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ पीएम मोदी के संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सबरीना ने सवाल पूछा था. पीएम मोदी ने इसका जवाब देते हुए कहा था, "मैं तो हैरान हूं, आप लोकतंत्र को लेकर सवाल पूछ रही हैं, क्योंकि डेमोक्रेसी तो हमारे डीएनए में है. भारत में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता है."

पीएम ने कहा, "डेमोक्रेसी भारत के रगो में हैं. हम लोकतंत्र को जीते हैं, हमारी सरकार लोकतंत्र के मूल्यों पर आधारित संविधान को लेकर चलती है. सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभों से हर कोई फायदा उठाता है, बशर्ते वे उस दायरे में आते हों. भारत में न तो धर्म, न ही जाति और न ही उम्र या ना फिर किसी अन्य आधार पर भेदभाव किया जाता है.

सोशल मीडिया पर ट्रोल हुईं सबरीना- पीएम मोदी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सबरीना सिद्दीकी को सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंटों का सामना करना पड़ा. कुछ लोगों ने उनकी आलोचना की. कुछ लोगों ने उसे 'एंटी इंडिया', तो कुछ लोगों ने 'प्रो-पाकिस्तानी' तक बता दिया. किसी ने कहा कि क्योंकि वह मुस्लिम हैं, इसलिए इस तरह के सवाल पूछ रहीं थीं.

सबरीना ने दिया जवाब - ट्रोलिंग से परेशान सबरीना ने अपनी एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की. इसमें उसके पिता इंडियन जर्सी पहने हुए नजर आ रहे थे. वह एक मैच में इंडिया का सपोर्ट कर रहे थे. एक तस्वीर में खुद सबरीना भी इंडियन जर्सी पहने हुए नजर आ रहीं हैं.

सबरीना के समर्थन में कांग्रेस - खुद कांग्रेस पार्टी ने भी सबरीना के ट्वीट पर जवाब दिया और मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया. कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्वीट में कहा, "हमें अफसोस है कि PM मोदी से सवाल करने की वजह से एक महिला पत्रकार को प्रताड़ना झेलनी पड़ी, हम इसकी निंदा करते हैं."

वरिष्ठ पत्रकार रोहिणी सिंह ने भाजपा आईटी सेल पर निशाना साधा है. रोहिणी ने ट्वीट किया, 'यही है नए भारत का आइडिया.'

इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने सबरीना का साथ देते हुए कहा कि एक पत्रकार होने के नाते सबरीना ने सवाल पूछे थे. इस आधार पर किसी को भी ट्रोल नहीं किया जाना चाहिए.

सर सैयद अहमद खान के परिवार से हैं सबरीना- हिंदुस्तान टाइम्स ने अपने एक लेख में लिखा है कि सबरीना सर सैयद अहमद खान के परिवार से हैं. बाइडेन की यूक्रेन यात्रा के दौरान भी सबरीना उनके साथ गई थीं. वह वाशिंगटन में रहती हैं.

कौन थे सर सैयद अहमद खान - इन्होंने ही भारत में मुसलमानों के लिए मजहबी शिक्षा की शुरुआत की थी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना की. आजादी के आंदोलन के दौरान मुस्लिमों के नेता बने. मुस्लिमों के भीतर 'अलग' भावना भी जगाने का काम किया, जिस सोच की वजह से बाद में भारत का धर्म के आधार पर बंटवारा हुआ. द्वि-राष्ट्र का सिद्धान्त मूलरूप से इसी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की देन है. मोहम्मद अली जिन्ना ने सर सैयद अहमद खान की ही सोच को आगे बढ़ाकर पाकिस्तान बनाया.

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Last Updated : Jun 27, 2023, 5:08 PM IST

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