दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी की आखिरी बातचीत, मांगा था पूरा ब्योरा, हुए कई खुलासे

23 जुलाई को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच आखिरी बातचीत हुई थी. तब बाइडेन ने गनी से पूरी योजना मांगी थी. अमेरिका को इस बात की कोई खबर नहीं थी कि अगले 15 दिनों में अफगानिस्तान की पूरी तस्वीर इस तरह बदल जाएगी. इस फोन कॉल में और भी कई खुलासे हुए हैं, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Etv bharat
गनी और जो बाइडेन

By

Published : Sep 1, 2021, 5:35 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 5:52 PM IST

हैदराबाद : तालिबान ने जितनी तेजी से काबुल पर कब्जा कर लिया, उसके बारे में किसी को भी इसका अंदाजा नहीं था, शायद अमेरिका को भी नहीं. यही वजह थी कि 23 जुलाई को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से फोन पर बात की थी. बाइडेन ने गनी से पूरी योजना मांगी थी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच लगभग 14 मिनट बातचीत हुई थी. इस दौरान बाइडेन ने भरोसा दिया था कि अफगानिस्तान प्रशासन को पूरी सैन्य मदद की जाएगी. पर आश्चर्य ये है कि उनकी बातचीत के ठीक 15 दिनों बाद ही तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया और गनी देश छोड़कर भाग गए. उन्होंने यूएई में शरण ली है.

इस बातचीत में बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका अफगानिस्तान सरकार को मदद देने के लिए तैयार है, बशर्ते राष्ट्रपति गनी सार्वजनिक तौर पर तालिबान को रोकने के लिए पूरी योजना सामने लाएं. अमेरिका ने भरोसा दिया था कि वह हवाई सपोर्ट जारी रखेगा.

मीडिया में दी गई जानकारी के मुताबिक बाइडेन चाहते थे कि गनी जनरल बिस्मिल्लाह खान को तालिबान के खिलाफ सेना की कमान सौंपे. बिस्मिल्लाह खान तब रक्षा मंत्री थे.

काबुल का दृश्य (सौ-टोलो न्यूज)

अपनी बातचीत में बाइडेन ने कहा कि अफगान सेना की संख्या करीब तीन लाख है. उनका प्रशिक्षण अमेरिकी सैनिकों ने किया है. सभी सैनिक 80 हजार तालिबानी लड़ाकों का आसानी से मुकाबला कर सकते हैं. लेकिन उसके लिए गनी को पूरा खाका तैयार रखना होगा.

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि बाइडेन का मुख्य जोर अफगानिस्तान प्रशासन के रवैए पर था. बाइडेन इस बात से चिंतित थे कि गनी सरकार तालिबान के खिलाफ काफी गंभीर नहीं है. और इसका पूरी दुनिया में गलत संदेश जा रहा है.

बाइडेन ने गनी को कहा कि वे सार्वजनिक तौर पर सामने आएं और अपने पूरे नेतृत्व के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करें. इसका बहुत बड़ा संदेश पूरी दुनिया में जाएगा.

निश्चित तौर पर बाइडेन और गनी के बीच की बातचीत के इस ब्योरे के आधार पर कहा जा सकता है कि अमेरिका इस बात से बिल्कुल ही बेखबर था कि अगले एक महीने में पूरी तस्वीर बदल जाएगी. बल्कि अमेरिका अफगानिस्तान सरकार की मदद करने को लेकर सकारात्मक था.

आगे मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि गनी ने बाइडेन को अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में कुछ जानकारियां दी थीं. इसके अनुसार गनी ने कहा था कि पाकिस्तान पूरी तरह से तालिबान के साथ खड़ा है. उसने करीब 15 हजार आतंकी तालिबान के साथ भेजे हैं. उनके पास भारी हथियार हैं. इस नई ताकत के साथ तालिबान आगे बढ़ रहा है.

काबुल में हमले के बाद का दृश्य (सौ. टोलो न्यूज)

इस रिपोर्ट में पाकिस्तान का एक बयान प्रकाशित किया गया है. इसके अनुसार पाकिस्तान ने साफ इनकार कर दिया है कि उसने तालिबान का साथ दिया था.

यहां यह जानना जरूरी है कि बाइडेन और गनी के बीच बातचीत से पहले ही अमेरिका ने अफगानिस्तान से निकलने का ऐलान कर दिया था. तब यह तारीख 11 सितंबर तय हुई थी. अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपने सैन्य बेस बंद करने शुरू कर दिए थे.

आपको बता दें कि अगस्त के पहले हफ्ते ही तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया था.

यूएनएससी में अफगानिस्तान पर चर्चा(सौ. टोलो न्यूज)

अब क्या कह रहे हैं बाइडेन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक दिन पहले कहा, 'मेरी राय में एक राष्ट्रपति का मूलभूत कर्तव्य न केवल 2001 के खतरों के खिलाफ बल्कि 2021 और कल के खतरों के खिलाफ भी अमेरिका की रक्षा और सुरक्षा करना है. अफगानिस्तान में मेरे फैसलों के पीछे यही मार्गदर्शक सिद्धांत है.'

उन्होंने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान तथा अन्य देशों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा. बाइडेन ने कहा कि विश्व बदल रहा है और अमेरिका नयी चुनौतियों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा, 'हमारी चीन के साथ गंभीर प्रतिस्पर्धा है. हम रूस के साथ कई मोर्चों पर चुनौतियों से निपट रहे हैं. हमने साइबर हमलों और परमाणु प्रसार की चुनौतियों का सामना किया.'

उन्होंने कहा, 'हमें 21वीं सदी के लिए प्रतियोगिता में इन नई चुनौतियों का सामना करने के वास्ते अमेरिका की प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाना होगा. पिछले दो दशकों में हमारे देश का मार्गदर्शन करने वाली विदेश नीति के पन्ने पलटने पर हमें अपनी गलतियों का पता चलता है.'

Last Updated : Sep 1, 2021, 5:52 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details