नई दिल्ली : अमेरिका ने भारत को बहुत बड़ी दुविधा से बाहर निकाल दिया. भारत अब रूस से एस-400 (एयर डिफेंस प्रणाली) खरीद सकता है. इस सौदेबाजी को लेकर भारत और अमेरिका के बीच तनाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. अमेरिकी कानून, काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट, के तहत अगर किसी भी देश ने रूस से इस तरह की मिसाइल प्रणाली की खरीददारी की, तो उस पर कई तरह की पाबंदिया लगाई जा सकती हैं.
भारत ने अपनी सुरक्षा स्थिति को देखते हुए रूस से एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की खरीददारी को अंजाम दिया. यह दुनिया का सबसे आधुनिकतम और सबसे अधिक प्रभावशाली एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है. रक्षा जानकारों का मानना है कि यह सिस्टम अमेरिकी सिस्टम से बेहतर काम करता है. लेकिन काटसा की वजह से अमेरिकी अधिकारियों ने भारत पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही थी.
रक्षा जानकारों का कहना है कि यह भारत के लिए बहुत बड़ी राहत भरी खबर है. उनके अनुसार अमेरिका की भी अपनी कुछ मजबूरियां हैं, जिसकी वजह से उसने अपने कानून में संशोधन किए हैं. दरअसल, अमेरिका किसी भी हाल में यह नहीं चाहता है कि हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में चीन का दबदबा कायम रहे. इसलिए वह हर हाल में भारत का सहयोग करने को मजबूर है.
भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना द्वारा पेश किए गए इस संशोधित विधेयक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से भारत को चीन जैसे आक्रामक रुख वाले देश को रोकने में मदद करने के लिए काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) से छूट दिलाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है.
राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (एनडीएए) पर सदन में चर्चा के दौरान गुरुवार को ध्वनि मत से यह संशोधित विधेयक पारित कर दिया गया. खन्ना ने कहा, 'अमेरिका को चीन के बढ़ते आक्रामक रूख के मद्देनजर भारत के साथ खड़ा रहना चाहिए. भारत कॉकस के उपाध्यक्ष के तौर पर मैं हमारे देशों के बीच भागीदारी को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने पर काम कर रहा हूं कि भारतीय-चीन सीमा पर भारत अपनी रक्षा कर सकें.'