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दोस्ती का असर : चीन को पीछे कर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर बना अमेरिका

चीन को अब सबक मिलने लगा है. अब तक भारत और चीन के बीच अमेरिका के मुकाबले अधिक व्यापार होता था. लेकिन इस साल स्थिति पलट गई. अब चीन नहीं, बल्कि अमेरिका भारत का बड़ा व्यापारिक पार्टनर है. अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार. 2021-22 में द्विपक्षीय व्यापार 119.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. (US surpasses China as Indias biggest trading partner).

पीएम मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन
पीएम मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन

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Published : May 29, 2022, 4:12 PM IST

Updated : May 29, 2022, 4:20 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिका बीते वित्त वर्ष (2021-22) में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है. इससे दोनों देशों के बीच मजबूत होते आर्थिक रिश्तों का पता चलता है. इस तरह भारत के साथ व्यापार के मामले में अमेरिका ने चीन को पीछ़े छोड़ दिया है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में अमेरिका और भारत का द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 119.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया. 2020-21 में यह आंकड़ा 80.51 अरब डॉलर का था. (US surpasses China as Indias biggest trading partner).

आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़कर 76.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 51.62 अरब डॉलर रहा था. वहीं इस दौरान अमेरिका से भारत का आयात बढ़कर 43.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 29 अरब डॉलर था.

आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार 115.42 अरब डॉलर रहा, जो 2020-21 में 86.4 अरब डॉलर था. वित्त वर्ष के दौरान चीन को भारत का निर्यात मामूली बढ़कर 21.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 21.18 अरब डॉलर रहा था. वहीं इस दौरान चीन से भारत का आयात बढ़कर 94.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 65.21 अरब डॉलर पर था. वित्त वर्ष के दौरान भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 72.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 44 अरब डॉलर रहा था.

अमेरिका के साथ भारत का व्यापार बढ़ेगा

व्यापार क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी वर्षों में भारत का अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी. भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि भारत एक भरोसेमंद व्यापार भागीदार के रूप में उभर रहा है और वैश्विक कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं. वैश्विक कंपनियां अपने कारोबार का भारत और अन्य देशों में विविधीकरण कर रही हैं. खान ने कहा, ‘‘आगामी बरसों में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा. भारत, अमेरिका की हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा (आईपीईएफ) पहल में शामिल हुआ है. इससे आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी.’’

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार

भारतीय बागान प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम), बेंगलुरु के निदेशक राकेश मोहन जोशी ने कहा कि 1.39 अरब की आबादी के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है. तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते अमेरिका और भारत की कंपनियों के पास प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण, व्यापार और निवेश के काफी अवसर हैं.

भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाला सामान

जोशी ने बताया कि भारत द्वारा अमेरिका को मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों, पालिश हीरों, फार्मा उत्पाद, आभूषण, हल्के तेल आदि का निर्यात किया जाता है. वहीं अमेरिका से भारत पेट्रोलियम पदार्थ, तरल प्राकृतिक गैस, सोने, कोयले और बादाम का आयात करता है. अमेरिका उन कुछ देशों में है जिनके साथ भारत व्यापार अधिशेष की स्थिति में है.

अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस में भारत

अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष 32.8 अरब डॉलर का है. 2013-14 से 2107-18 तक और उसके बाद 2020-21 में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. चीन से पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था.

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(PTI)

Last Updated : May 29, 2022, 4:20 PM IST

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