नई दिल्ली : अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मानवाधिकारों से संबंधित कई अहम मुद्दे हैं. जिनमें गैर कानूनी हत्याएं, अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता पर पाबंदी, भ्रष्टाचार और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की सहनशीलता शामिल है.
अमेरिकी कांग्रेस को ‘2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रेक्टिसेज’ में विदेश विभाग ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति में सुधार हुआ है. विदेश विभाग रिपोर्ट के भारत खंड में कहता है कि सरकार कुछ सुरक्षा एवं संचार पाबंदियों को हटाकर जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे सामान्य हालात बहाल करने के लिए लगातार कदम उठा रही है. उसने कहा कि सरकार ने ज्यादातर राजनीतिक कार्यकर्ताओं को हिरासत से छोड़ दिया है.
मानवाधिकार के मामलों पर चिंता
विदेश विभाग ने अपनी रिपोर्ट में भारत में एक दर्जन से अधिक मानवाधिकारों से जुड़े अहम मुद्दों को सूचीबद्ध किया है. जिनमें पुलिस द्वारा न्यायेत्तर हत्याओं समेत अवैध कत्ल, कुछ पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित करने, क्रूरता करने, अमानवीयता या अपमानजनक व्यवहार या सजा के मामले, सरकारी अधिकारियों द्वारा मनमानी गिरफ्तारियां और कुछ राज्यों में राजनीतिक कैदी के मामले प्रमुख हैं. हालांकि भारत अतीत में ऐसी रिपोर्टों को खारिज कर चुका है.
सरकारी स्तर पर भ्रष्टाचार के मामले
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत सरकार के सभी स्तरों पर व्यापक भ्रष्टाचार की लगातार सूचनाएं हैं. धार्मिक संबद्धता या सामाजिक स्थिति के आधार पर अल्पसंख्यकों को लक्षित करने वाली हिंसा और भेदभाव, बंधुआ मजदूर सहित बाल श्रम के लिए मजबूर करने की रिपोर्ट भी है. अमेरिकी कांग्रेस को मानवाधिकार प्रथाओं पर 2020 के अपने देश की रिपोर्ट में विभाग ने कहा कि सरकारी कदाचार के लिए जवाबदेही की कमी सरकार के सभी स्तरों पर बनी रही. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत मामलों की जांच और अभियोजन की कार्रवाई हुई लेकिन शिथिल प्रवर्तन, प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों की कमी और अति उत्साहित व अल्पपोषित अदालत प्रणाली ने कम संख्या में सजा में योगदान दिया है.