वाशिंगटन: अमेरिका ने विदेशी आतंकवादी संगठनों की अपनी सूची से पांच चरमपंथी समूहों को हटा दिया है. माना जाता है कि ये सभी बंद या निष्क्रिय हो चुके हैं. शुक्रवार को फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित नोटिस में, विदेश विभाग ने कहा कि उसने समूहों को उनके पदनामों की अनिवार्य पांच साल की समीक्षा के बाद हटा दिया है. अल-कायदा को भी समीक्षा के लिए भी तैयार सूची में रखा गया था. विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि हटाए गए पांच संगठन अब आतंकवाद या आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त नहीं हैं. ये संगठन आंतक फैलाने की क्षमता और इरादे नहीं रखते हैं. इसलिए इन्हें विदेशी आतंकी संगठन की सूची से हटाया जा रहा है. हटाए गए समूहों में से कई ने एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व में सैकड़ों लोगों को मारा है. निर्णय बाइडेन प्रशासन और उन देशों के लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील है जिनमें संगठन संचालित होते है. हो सकता है पीड़ित देशों और परिवारों की ओर से इसकी आलोचना भी हो.
हटाए गए संगठन में बास्क अलगाववादी समूह ईटीए, जापानी संगठन ओम् शिनरिक्यो, कट्टरपंथी यहूदी समूह कहाने कच और दो इस्लामी समूह हैं जो इजराइल-फिलिस्तीनी क्षेत्रों और मिस्र में सक्रिय हैं शामिल हैं. विदेश विभाग ने कहा कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य विदेशी आतंकवादी संगठनों की समीक्षा और रद्द करने के लिए कानूनी आवश्यकताओं का पालन करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के संकल्प को प्रतिबिंबित करना है. ये आतंकवादी कृत्यों की अनदेखी का बहाना नहीं है. इसमें कोई शक नहीं है कि इन संगठनों ने हत्याएं की हैं. ये मानवता के विरुद्ध अपराध में शामिल रहे हैं. बल्कि यह कदम आतंकवाद के विरुद्ध हमारी लड़ाई की सफलता को दर्शाता है. हम समझते हैं कि मिस्र, इज़राइल, जापान और स्पेन में आतंकवाद के खतरे हुए हैं.
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13 मई को कांग्रेस को भेजी गई अधिसूचना के आधार पर इस सप्ताह निष्कासन होगा. समूहों को सूची से हटाने से वो प्रतिबंध रद्द हो जाएंगे जो इन संगठनों पर लागू थे. इनमें संपत्ति पर रोक, यात्रा प्रतिबंध के साथ-साथ किसी भी अमेरिकी को समूहों या उनके सदस्यों को किसी भी तरह का समर्थन प्रदान करने पर प्रतिबंध शामिल है. जिसमें धन या वस्तुगत सहायता के अलावा कई मामलों में चिकित्सा देखभाल भी शामिल है. पांच समूहों में से एक को छोड़कर सभी को पहली बार 1997 में विदेशी आतंकवादी संगठन के तौर पर नामित किया गया था. ये संगठन पिछले 25 वर्षों से सूची में बने थे.
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