वाशिंगटन:रूस-यूक्रेन संकट के बीचअमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ संबोधन में रूस की आक्रामकता का सामना करने और अमेरिकी मुद्रास्फीति को काबू करने का संकल्प किया. रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बीच बाइडन के इस भाषण के मायने और बढ़ गए हैं. राष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरुआत भी यूक्रेन संकट के मुद्दे से ही की. उन्होंने सदन के कक्ष में उपस्थित सांसदों से कहा कि वे खड़े होकर यूक्रेन के लोगों के जज्बे को सलाम करें. इसके बाद सभी सांसद खड़े हो गए.
बाइडन ने कहा, 'अपने पूरे इतिहास में हमने यह सबक सीखा है कि जब तानाशाह को अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकानी पड़ती, तो वे और अधिक अराजकता फैलाने लगते हैं.' इस दौरान, बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिका अपने हवाई क्षेत्र को रूसी विमानों के लिए बंद कर रहा है और कहा कि अन्य दंडात्मक कदमों के साथ उठाया गया यह कदम रूस को कमजोर करेगा. कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद यह पहला मौका था, जब संसद के सभी सदस्यों को सदन में आमंत्रित किया गया.
भाषण से पहले सांसद वाल डेमिंग्स ने कहा, 'मुझे लगता है कि इस देश में सभी लोगों को यह पता है कि दुनिया में जो कुछ भी होता है उसका सीधा असर यहां होता है.'
वहीं, बाइडेन अपने संबोधन में कहा,'रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने आजाद देश की नींव को हिलाने की कोशिश की. उनकी कोशिश का करारा जवाब मिल रहा है. उन्हें (पुतिन को ) यूक्रेन के लोगों का सामना करना पड़ रहा है. इस संकट के समय यूक्रेन के लोगों ने जबर्दस्त साहस दिखाया है.
पुतिन का यूक्रेन को रौंदने का अनुमान गलत था. पुतिन ने सोच समझकर हमला किया है. उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने जिस तरीके की आक्रामकता दिखाई है, यूक्रेन के खिलाफ उसका जवाब मिलेगा. हमारी सेना युद्ध में हिस्सा नहीं लेगी लेकिन यूक्रेन की मदद करेगी. अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है. अमेरिका और हमारे सहयोगी सामूहिक शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे. यूक्रेनियन साहस के साथ लड़ रहे हैं. पुतिन को युद्ध के मैदान में लाभ हो सकता है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
रूस का यूक्रेन पर हमले का जिक्र करते हुए बाइडेन ने कहा, पुतिन टैंकों के साथ कीव का घेराव तो कर सकते हैं लेकिन वह कभी भी यूक्रेनी लोगों के दिलों पर राज नहीं कर सकते. वह कभी भी मुक्त दुनिया के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ यूनियन’ संबोधन में रूस की आक्रामकता का सामना करने और अमेरिकी मुद्रास्फीति को काबू करने का संकल्प किया. उन्होंने कहा, हमारी अर्थव्यवस्था ने पिछले साल अमेरिका में 6.5 मिलियन से अधिक नए रोजगार सृजित किए. एक साल में पहले से कहीं अधिक नौकरियों का सृजन हुआ.
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन संकट के बीचअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज (बुधवार को ) अपना पहला स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधित कर रहे हैं. उनका यह संबोधन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह संबोधन ऐसे समय में होगा जब रूस और यूक्रेन के बीच संकट गहराता नजर आ रहा है. अमेरिका इस संकट को काफी गंभीरता से ले रहा है.
बता दें कि, रूस के हमले से यूक्रेन थर्रा उठा है. इसके साथ ही रूसी सेना के करीब 40 मील का काफिला कीव के नजदीक पहुंच चुका है. वहीं, रूसी सेना ने कहा कि वह यूक्रेन की राजधानी कीव में प्रशासनिक इमारतों पर हमले करेगी. इसलिए सेना ने आस-पास के इलाकों में रहने वाले नागरिकों को इलाका खाली करने की चेतावनी दी है. वहीं, युद्ध को रोकने के लिए चल रही वार्ता केवल आगे के दौर की वार्ता पर सहमति बनने के साथ ही समाप्त हो गई है. . बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने नाटो क्षेत्र के पूर्वी हिस्से में 5,000 अतिरिक्त सैनिकों की कुमुक भेजी है.
रूस का यूक्रेन पर हमले से अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई शक्तिशाली देश चिंतित और नाराज हैं. आज हो सकता है कि बाइडेन अपने संबोधन में रूस -यूक्रेन युद्ध को लेकर कोई बड़ा बयान दे सकते हैं.
जानें बाइडेन की10 बड़ी बातें
- अमेरिका ने रूस के खिलाफ एयरस्पेस बंद करने का ऐलान किया.
- बाइडेन ने रूस पर निशाना साधते हुए कहा कि रूस ने बिना किसी कारण यूक्रेन पर हमला किया, इतिहास में इस युद्ध को याद रखा जाएगा.
- कई प्रतिबंधों से रूस की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी और इसके लिए राष्ट्रपति पुतिन जिम्मेदार होंगे.
- पुतिन ने यूक्रेन की नींव हिलाने की कोशिश की लेकिन उन्हें वहां की सेना ही नहीं बल्कि यूक्रेन के लोगों का सामना करना पड़ रहा है.
- अमेरिकी सेना रूस के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेंगे लेकिन उनकी मदद करेंगे.
- नाटो की जमीन पर किसी को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा.
- तानाशाह को उनके आक्रमण की कीमत चुकानी पड़ती है.
- अमेरिका यूरोपीय संघ के साथ मिलकर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.
- अमेरिका, यूक्रेन को 100 करोड़ डॉलर का आर्थिक मदद देगा.
- कोविड-19 बीमारी की जांच आसान होगा.