हैदराबाद :एक बार फिर, अमेरिकी प्रशासन ने योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए उच्च वेतन और कौशल को प्राथमिकता देने के लिए नियमों में बदलाव करके एच -1 बी वीजा मानदंडों में फिर से संशोधन किया. कार्य वीजा चयन की पुरानी लॉटरी प्रणाली का अब पालन नहीं किया जाएगा.
H1-B वीजा क्या है?
एच1 बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है. ये वीजा अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है, जिनकी अमेरिका में कमी होती हो. इस वीजा की वैधता वैसे तो 3 साल की होती है लेकिन इसे 6 साल के लिए भी बढ़ाया जा सकता है. अमेरिकी कंपनियों की डिमांड की वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स यह वीजा सबसे अधिक हासिल करते हैं. अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की ओर से दो नए अंतरिम फाइनल नियम तय किए गए हैं, जिनसे नियोक्ताओं के लिए वीजा पर अप्रवासियों को नौकरी पर रखना मुश्किल हो जाएगा.
यह शुरु में तीन साल के लिए वैध है, और इसे छह साल तक बढ़ाया जा सकता है. हालांकि, अपवाद एक विशेष क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों पर लागू होते हैं, जिनके लिए उनके प्रवास की लंबी अवधि की आवश्यकता होती है.
मुख्य बिंदुः
- एच-1बी वीजा (H-1B Visa) के लिए चयन की प्रक्रिया में अमेरिका ने बदलाव किया है.
- यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज ने H-1B वीजा के लिए सेलेक्शन में मौजूदा लॉटरी प्रक्रिया की जगह सैलरी और कौशल को आगे रखा है. इससे उनका उद्देश्य नागरिकों के हितों की रक्षा करना है.
- इसके साथ ही नए नियम में यह सुनिश्चित किया गया है कि उसके अस्थायी रोजगार कार्यक्रम से हाई स्किल वाले विदेशी प्रोफेशनल्स को अधिक लाभ मिल सके.
- H-1B वीजा के लिए चयन प्रक्रिया के फाइनल नियम को आज फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित कर दिया गया है.
- एच 1 बी वीजा कैप में बदलाव से कर्मचारियों को ज्यादा सैलरी भी मिलेगी. इसके साथ ही कर्मचारी ऊंचे पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. नए नियमों में लौटरी सिस्टम के बदले स्किल पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
क्या बदला ?
H1-B वीजा चयन प्रक्रिया में नया बदलाव मौजूदा लॉटरी प्रणाली के बजाय किसी कर्मचारी के वेतन और कौशल को प्राथमिकता देता है. चयन प्रक्रिया में हाल ही में संशोधन का उद्देश्य नियोक्ताओं को उच्च वेतन, और / या उच्चतर के लिए याचिका पेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है.