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भारत दौरे पर बोलीं अमेरिकी उप विदेश मंत्री, तालिबान को मान्यता देने की जल्दी में नहीं - india us bilateral meeting

अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक की और दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया भर में शांति और स्थिरता की जरूरत पर बल दिया. अफगानिस्तान के मुद्दे पर शेरमन ने कहा कि भारत की सुरक्षा चिंताएं अमेरिका के लिए 'प्रथम और सर्वोपरि' तथा 'अग्रिम एवं केंद्रीय' हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका तालिबान को मान्यता देने की जल्दबाजी में नहीं है.

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

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Published : Oct 6, 2021, 2:13 PM IST

Updated : Oct 6, 2021, 10:09 PM IST

नई दिल्ली :अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन और विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बुधवार को अफगानिस्तान तथा क्वॉड के तहत सहयोग सहित अन्य मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. शेरमन मंगलवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचीं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ चर्चा की थी.

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, पिछले दशकों और पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंधों की गति में नियमित वृद्धि हुई है. हम द्विपक्षीय और क्वॉड स्तर पर सकारात्मक और रचनात्मक दोनों एजेंडा जारी रखने के लिए तत्पर हैं. वहीं, अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेर्मन ने कहा, भारत और अमेरिका जानते हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया भर में शांति और स्थिरता बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखना और मजबूत करना है. हमारी एक अपरिहार्य साझेदारी है.

अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को अमेरिका के लिए 'प्रथम और सर्वोपरि' तथा 'अग्रिम एवं केंद्रीय' बताया. उनकी यह टिप्पणी अफगानिस्तान से आतंकी गतिविधियां फैलने को लेकर भारत की चिंताओं के बीच आई है.

अमेरिकी उप विदेश मंत्री शेरमन और विदेश सचिव श्रृंगला की मुलाकात

बता दें कि भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आईं अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने विदेश सचिव हर्ष वर्द्धन श्रृंगला के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ भी चर्चा की.

शेरमन ने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर अमेरिका और भारत की एक समान सोच एवं दृष्टिकोण है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से आतंकवाद के फैलने के बारे में भारत की चिंताओं को अमेरिका समझता है.

शेरमन ने कहा कि अमेरिका निकट भविष्य (ओवर-द-हॉरिजन) को लेकर अफगानिस्तान की क्षमता संबंधी ठोस कार्यक्रम तैयार कर रहा है. हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया.

अफगान संकट पर अमेरिका का रूख
अफगानिस्तान में आगे बढ़ने के रास्तों को लेकर शेरमन ने कहा कि भारत और अमेरिका का समान दृष्टिकोण है जिसमें तालिबान द्वारा समावेशी सरकार सुनिश्चित करना और अफगानिस्तान का आतंकवाद का पनाहगाह नहीं बनना शामिल है. उन्होंने अफगानिस्तान छोड़ने को इच्छुक लोगों के लिये सुरक्षित एवं व्यवस्थित यात्रा सुनिश्चित किये जाने पर जोर दिया तथा मानवाधिकारों का सम्मान करना सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

तालिबान को वैधता की जल्दी नहीं
अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने कहा कि तालिबान सिर्फ बातें नहीं करे, उचित कार्य करे तथा कोई भी देश तालिबान को वैधता प्रदान करने या मान्यता देने की जल्दी में नहीं है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों को मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत एवं अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के संबंध में जल्द ही बातचीत करेंगे.

इससे पहले शेरमन और श्रृंगला के बीच बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, 'दोनों ने अफगानिस्तान में उभरती स्थिति तथा खुले, मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत सहित क्वॉड के तहत सतत सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की.' उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने कोविड-19 से लेकर विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों, सुरक्षा एवं रक्षा, आर्थिक, जलवायु, स्वच्छ ऊर्जा तथा लोगों के बीच सम्पर्क आदि की समीक्षा की.

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बागची ने कहा कि विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने अमेरिका की उप विदेश मंत्री के साथ वैश्चिक बेहतरी के लिये सामरिक गठजोड़ को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा की जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन की सोच पर आधारित रही.

Last Updated : Oct 6, 2021, 10:09 PM IST

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